12 साल बाद क्यों लगता है कुंभ मेला?

देवताओं और दानवों

समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश पाने के लिए देवताओं और दानवों में लड़ाई शुरू हो गई थी.

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अमृत कलश

इस दौरान भगवान इंद्र के पुत्र जयंत अमृत कलश लेकर भाग गए थे.

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देवताओं और दानवों के बीच लड़ाई

दानवों ने जयंत का पीछा किया. देवताओं और दानवों के बीच यह लड़ाई 12 दिनों तक चलती रही.

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अमृत की कुछ बूंदें धरती पर गिर गईं

जब जयंत कलश लेकर भाग रहे थे तो अमृत की कुछ बूंदें धरती पर गिर गईं.

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ये बूंदें 4 जगहों पर गिरी

ये बूंदें प्रयागराज, गिरी, उज्जैन और हरिद्वार 4 जगहों पर गिरी थीं.

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जयंत को पहुंचने में 12 दिन लग गए

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अमृत कलश लेकर स्वर्ग पहुंचने में जयंत को 12 दिन लग गए थे.

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एक दिन धरती के एक वर्ष के बराबर

देवताओं का एक दिन धरती के एक वर्ष के बराबर होता है. कुंभ मेला 12 साल के अंतराल पर मनाया जाता है.

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