Mahoba News: महोबा के एंजिल डेंटल हॉस्पिटल में इलाज में लापरवाही के चलते एक नवविवाहिता अपना पहला करवाचौथ नहीं मना पाई और उसकी मौत हो गई. दांतों का अस्पताल होने के बावजूद भी गंभीर बीमारियों बुखार और डायरिया के मरीजों का इलाज़ किया जा रहा था. जहां इलाज के दौरान महिला की स्थिति बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद मृतिका के परिजनों ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया.
क्या है पूरा मामला
दरअसल मामला महोबा मुख्यालय के कानपुर सागर हाइवे स्थित एंजिल डेंटल हॉस्पिटल का है. जहां बुखार से पीड़ित शेखनपुरा निवासी 23 वर्षीय ज्योति को 19 अक्टूबर को भर्ती कराया गया था. बताया जाता है कि इलाज के दौरान ज्योति की हालत बिगड़ रही थी लेकिन हॉस्पिटल के कर्मचारी परिजनों को बेहतर इलाज होने का आश्वासन देते रहे और आज ज्योति का पूरा शरीर ठंडा होकर अकड़ गया तो परिजनों ने डाक्टरों को बुलाया तो पता चला कि अस्पताल में कल से डॉक्टर ही नहीं है और कंपाउंडर के जरिए उसका इलाज चल रहा था. उसी दौरान उसकी मौत हो गई.
घटना से आक्रोशित मृतका के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल में डॉक्टर न होने के बावजूद कंपाउंडरों से इलाज कराया जाता रहा हमें एक बार भी नहीं बताया गया कि महिला की हालत बहुत गंभीर है इसी लापरवाही के चलते उसकी असमय मौत हो गई . इसके बाद पता चला कि यह अस्पताल दांतों का है और यहां मरीजों को गुमराह करते हुए गम्भीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को भर्ती कर पैसा कमाने का जरिए बना रखा है. परिजनों ने संचालित हॉस्पिटल और डॉक्टर पर कानूनी कार्यवाही की मांग की है.
डॉक्टर ने जबरन निकाला बाहर
23 वर्षीय नवविवाहिता की असमय मौत से परिजनों में आक्रोश है. परिवार के लोगों ने कहा कि वह शादी के बाद पहला करवा चौथ का व्रत भी नहीं रखपाई और उसकी मौत हो गई. घटना से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. वही घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा दिया है. इस बीच एंजिल हॉस्पिटल के डॉक्टर व कर्मचारियों ने मामले को बिगड़ता देख और जांच से बचने के लिए हॉस्पिटल में भर्ती सभी मरीजों को निकाल दिया. जिले के सूपा गांव निवासी रंजीत ने बताया कि वह अपने बड़े भाई को पेट दर्द होने पर एंजल हॉस्पिटल लाया था जहां आज एक महिला की मौत के बाद अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों ने उसे जबरन बाहर कर दिया अब वह अपने भाई को एंबुलेंस की मदद से झांसी ले जा रहा है. वही रंजीत की मां ने बताया कि बेटे के इलाज में एक दिन में लगभग 10 हजार रुपए खर्च हो गए और उसे कोई भी आराम नहीं मिल सका. अस्पताल के डॉक्टर ने उसे जबरन बाहर कर दिया जिसे वह समझ नहीं पा रहे.
सीओ सिटी दीपक ने दी जानकारी
एंजिल हॉस्पिटल में महिला की मौत के बाद हुए हंगामे की सूचना पर सीओ सिटी दीपक दुबे कोतवाली पुलिस के साथ मौके पहुंच गए. जहां
मृतका के परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन एंजिल हॉस्पिटल सहित डॉक्टर और कर्मचारियों पर कार्यवाही मांग पर अड़ गए. सीओ सिटी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए परिजनों को कार्यवाही का भरोसा दिलाया इसके बाद डॉक्टर की गाड़ी से ही मृतका के शव को जिला अस्पताल के मोर्चरी हाउस में रखवा दिया गया. पुलिस ने बताया कि परिजनों से मिली तहरीर के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी.