लाखों की नौकरी छोड़ UPSC क्रैक किया, फिर बने IPS अफसर, जानें कौन हैं SP कृष्ण कुमार बिश्नोई?

IPS Krishan Bishnoi Success Story: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में इस समय माहौल काफी गरम है. पूरे देश की निगाहें संभल पर टिकी हैं और इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतने बड़े दंगे को काबू करने वाले एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई कौन हैं? आइए जानते हैं पूरी जानकारी

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IPS Krishan Bishnoi Success Story: इस समय यूपी का संभल जिला सुर्खियों में है. जामा मस्जिद या हरी मंदिर? इसके सर्वे के लिए आज पुलिस कर सर्वे की टीम संभल के जामा मस्जिद गई थी, लेकिन विशेष समुदाय के लोगों ने इसको लेकर खूब बवाल काटा है. इस दौरान एकत्र हुई भीड़ ने पुलिस के ऊपर पथराव के साथ-साथ पुलिस को गाड़ियों को भी जला दिया.

इस हिंसा में 3 लोगों की जान भी चली गई. इस भीड़ को शांत करने के लिए संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने लोगों से कई अपील की, लेकिन बेकाबू भीड़ ने अपना आपा खो दिया और बवाल बढ़ गया. इस दौरान संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने लोगों से कहा कि आप नेताओं के चक्कर में अपना भविष्य बर्बाद मत करो. तो क्या आप जानते हैं आईपीएस कृष्ण कुमार बिश्नोई कौन हैं?

कौन है कृष्ण कुमार बिश्नोई?

उत्तर प्रदेश पुलिस में अपनी दबंग कार्यशैली और साहसिक कारनामों के लिए पहचाने जाने वाले 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी कृष्ण कुमार बिश्नोई, जिन्हें केके बिश्नोई के नाम से जाना जाता है, इन दिनों सुर्खियों में हैं. मेरठ, मुजफ्फरनगर और गोरखपुर जैसी चुनौतीपूर्ण पोस्टिंग में उन्होंने जिस तरह अपराध और माफियागिरी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया, उससे उनकी गिनती प्रदेश के सबसे प्रभावशाली पुलिस अधिकारियों में होने लगी है.

मेरठ में तैनाती के दौरान केके बिश्नोई ने खूंखार अपराधी बदन सिंह बद्दो की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाकर यूपी पुलिस की ताकत का एहसास करवाया. बदन सिंह, जिस पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था, की कोठी को ध्वस्त करना उनके साहसिक कदमों में से एक माना जाता है.

मुजफ्फरनगर में अपराधियों पर शिकंजा

मुजफ्फरनगर में अपनी पोस्टिंग के दौरान उन्होंने कुख्यात अपराधी सुशील मूंछ को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया. उनकी रणनीतिक कार्रवाईयों से कई अन्य अपराधी या तो जेल पहुंचे या यूपी छोड़कर भागने पर मजबूर हुए. गोरखपुर में सिटी एसपी के रूप में तैनाती के दौरान केके बिश्नोई ने माफियाओं की 800 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्तियां जब्त कीं. इस कार्रवाई ने प्रदेश में अपराध के खिलाफ सरकार के सख्त रुख को और मजबूत किया.

केके बिश्नोई राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं. छह भाई-बहनों में सबसे छोटे बिश्नोई ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई गांव के प्राइमरी स्कूल से की. कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से जिले में आठवीं कक्षा में टॉप किया.

फ्रांस से मास्टर डिग्री और 30 लाख की नौकरी

बिश्नोई ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने फ्रांस में पढ़ाई करने का सपना देखा. फ्रांस सरकार की स्कॉलरशिप पर उन्होंने पेरिस स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स से अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा में मास्टर डिग्री ली. इसके बाद उन्हें संयुक्त राष्ट्र में 30 लाख रुपये सालाना पैकेज की नौकरी मिली.

हालांकि विदेश में अच्छी नौकरी के बावजूद उनका झुकाव देश सेवा की ओर रहा. भारत लौटने के बाद उन्होंने जेएनयू से एमफिल की और विदेश मंत्रालय में नौकरी शुरू की. लेकिन उनकी मंजिल आईपीएस बनना थी. बिना कोचिंग के उन्होंने सेल्फ स्टडी से यूपीएससी की तैयारी की और 2018 में महज 24 साल की उम्र में आईपीएस बनकर अपने सपने को साकार किया.