Sambhal Violence 2024: संभल हिंसा को भले ही 3 महीने हो गए लेकिन इसका असर अभी भी देखने को मिल रहा है. कोर्ट के निर्देश पर शाही जामा मस्जिद में हुए सर्वे के विरोध में हिंसक विरोध प्रदर्शन के 3 महीने बाद भी सैकड़ों उपद्रवी अपने घर से गायब हैं और अभी भी संभल में 1,000 घरों पर ताला लटका हुआ हैं. जानकारी के अनुसार, अभी भी सैकड़ों उपद्रवी गिरफ्तारी के डर से फरार हैं.
4 लोगों की गई जान
बता दे, 24 नवंबर 2024 को पुलिस कोर्ट कमिश्नर मस्जिद का सर्वे करके बाहर निकल रहे थे. उसी दौरान पहले से इकट्ठा की गई कट्टरपंथियों की भीड़ ने उन पर हमला कर दिया गया और पुलिस के जवानों पर जबरदस्त पथराव शुरू कर दिया. साथ ही अवैध असलहों से पुलिस पर फायरिंग भी की गई. इस दौरान पुलिस ने भी जवाब में गोली चलाई. इस हिंसा में 4 लोगों की जान चली गई. जबकि कई पुलिस कर्मी घायल हो गए. उस दिन से ही पुलिस हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए इलाके में गस्त कर रही है.
संभल में इतना डर और ज़ुल्म का माहौल बना दिया गया है कि लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। सरकार को संभल के मुसलमानों को निशाना बनाना और उन्हें इज्तिमाई सज़ा देना बंद करना होगा, जल्द से जल्द एतिमाद-साज़ी के क़दम उठाए जाने चाहिए। मोदी और भाजपा ने बार-बार झूठी अफ़वाह फैलाई थी… https://t.co/Iz7lRMTQx2
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 16, 2025
रविवार को संभल पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली. पुलिस ने दो पत्थरबाजों हसन उर्फ छोटू और समद को गिरफ्तार किया है. इन दोनों आरोपियों पर पुलिस पर पथराव, फायरिंग और आगजनी जैसे कई आरोप हैं. दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया. इस हिंसा मामले में 4 पत्थरबाज महिलाओं समेत 78 दंगाइयों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बाकि आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस लगातार दबिश कर रही है.
मुस्लिम समर्थक राजनीति के लिए मशहूर हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी को इस पुलिस कार्रवाई में राजनीति दिख रहा है. उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करके लिखा, 'संभल में इतना डर और ज़ुल्म का माहौल बना दिया गया है कि लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं. सरकार को संभल के मुसलमानों को निशाना बनाना और उन्हें इज्तिमाई सज़ा देना बंद करना होगा.
'मोदी और भाजपा ने झूठ बोला'- ओवैसी
ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, 'जल्द से जल्द एतिमाद-साज़ी के कदम उठाए जाने चाहिए. मोदी और भाजपा ने बार-बार झूठी अफवाह फैलाई थी कि कुछ इलाकों में हिंदू समाज का 'पलायन' हो रहा था. हर बार वह बात झूठी साबित हुई थी. यहां तो पुलिस और प्रशासन यह बात ख़ुद मान रहे हैं कि मुसलमानों का जबरन पलायन हो रहा है, तो फिर सरकार चुप क्यों है?' वही इस हिंसा के बाद पुलिस ने संभल में दीवार पर असली दंगाई की फोटो लगाई थी, जिसके बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया था.