Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 9 से 13 साल के छात्रों के यौन शोषण के आरोपी सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल को जमानत देने से इनकार कर दिया है. यह मामला बुलंदशहर के अरनिया थाने में 24 और 25 मार्च को दर्ज हुआ था. न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की पीठ ने याचिकाकर्ता प्रताप सिंह को जमानत देने के लिए मामले को उपयुक्त नहीं पाया.
क्या है पूरा मामला
पुलिस ने इस मामले में आईपीसी, एससी-एसटी और पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की है. आरोप है कि प्रताप सिंह ने बच्चों के निजी अंगों को गलत तरीके से छुआ और अपने मोबाइल पर अश्लील सामग्री दिखाई. वादी के वकील का कहना है कि पीड़ितों को सरकारी वजीफा नहीं मिला, इसलिए उन पर झूठा आरोप लगाया गया है.
आवेदक में क्या लिखा गया
इसके अलावा, आवेदक ने बताया कि वह पूर्व में कैंसर से पीड़ित रह चुके हैं और वर्तमान में खांसी और सांस की बीमारी से भी ग्रसित हैं. उनका दावा है कि उन पर लगाए गए आरोप झूठे हैं. प्रतिवादी 25 मार्च 2024 से जेल में है. राज्य सरकार के वकील ने पीड़ितों की कम उम्र का हवाला देते हुए इसे गंभीर अपराध बताया और कहा कि आवेदक द्वारा प्रस्तुत मेडिकल सर्टिफिकेट फर्जी है. वादी ने इसे खरीदने की बात भी कही. इस मामले में कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में सख्ती बरतने की आवश्यकता है.