काशी हिंदू विश्वविद्यालय में स्वर्गीय चंदन चतुर्वेदी स्मृति व्याख्यान का आयोजन, आखिर क्या रहा खास 

महामना की पावन भूमि पर स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के आयुर्वेद संकाय में स्वर्गीय चंदन चतुर्वेदी जी की स्मृति में कौमारभृत्य विभाग द्वारा सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) एवं स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया.

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Banaras Hindu University: महामना की पावन भूमि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय में स्वर्गीय चंदन चतुर्वेदी जी की स्मृति में कुमारभृत्य विभाग द्वारा सीएमई एवं स्मृति एवं स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया . जिसमे कई बड़ी - बड़ी हस्तिया शामिल थी, सभी ने सतत चिकित्सा शिक्षा पर कई तरह की बाते की और उनको जीवन में अमल करने की सलाह भी दी. आइए जानते है किसने क्या कहा?

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आयोजन समिति और अतिथियों की उपस्थिति

इस कार्यक्रम के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. आर.एस. खत्री एवं ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन व विभागाध्यक्ष डॉ. प्रेम शंकर उपाध्याय एवं प्रो.बृजमोहन सिंह थे. कार्यक्रम के सह-सचिव की जिम्मेदारी वैभव जायसवाल और कल्पना पाटनी ने संभाली. प्रमुख अतिथियों में प्रोफेसर एस.एन. शंखवार (डायरेक्टर, आईएमएस, बीएचयू) एवं प्रोफेसर पी.के. गोस्वामी (डीन, आयुर्वेद विभाग) उपस्थित रहे.

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कार्यक्रम का उद्देश्य

डॉ. आर.एस. खत्री ने बताया कि यह आयोजन सिजनल रेस्पिरेटरी डिजीज इन चिल्ड्रेन: पैटर्न, डायग्नोसिस, एंड एविडेंस बेस्ड केयर विषय पर केंद्रित था. इसका उद्देश्य बच्चों में मौसमी श्वसन रोगों के निदान और प्रबंधन पर चर्चा करना था.

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कार्यक्रम में निम्न गेस्ट स्पीकर्स ने अपनी बात रखी- 

  • प्रो. सुनील राव (बाल चिकित्सा विभाग, आईएमएस बीएचयू): "5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में सामान्य श्वसन संबंधी रोग."
  • प्रो. आशीष बाजपेयी (निदेशक, इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, बीएचयू): "अस्पतालों में प्रबंधन."
  • प्रो. वी.के. कोरी (विभागाध्यक्ष, कौमारभृत्य विभाग, आईटीआरए, जामनगर): "बच्चों में सामान्य श्वसन विकारों का आयुर्वेदिक प्रबंधन."
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छात्रों की भागीदारी

इस आयोजन में विभाग के पीजी स्कॉलर, पीजी डिप्लोमा और पीएचडी छात्र शामिल हुए. कार्यक्रम ने बच्चों में मौसमी श्वसन रोगों के प्रबंधन को लेकर नई दृष्टिकोण और शोध को प्रोत्साहित किया.