Jayant Chaudhary: इस समय रमजान का महीना चल रहा है और पूरी दुनिया ईद का बेसब्री से इंतजार कर रही है. इसी बीच यूपी के मेरठ से खबर आ रही है, जहां ईद को लेकर सख्त कदम उठाए गए हैं. मेरठ पुलिस ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति सड़क पर नमाज नहीं पढ़ेगा. अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा
इसके बावजूद अगर कोई इसका पालन नहीं करता है तो उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया जाएगा. मेरठ पुलिस के इस आदेश पर केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने भी अपना बयान दिया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि पुलिसिंग ऑरवेलियन 1984 की तरफ बढ़ रही है! उनके ट्वीट से साबित होता है कि वे इस आदेश के खिलाफ हैं. उनके ट्वीट का मतलब है कि मौजूदा पुलिसिंग या शासन व्यवस्था बिल्कुल वैसी ही हो गई है जैसा जॉर्ज ऑरवेल के उपन्यास 1984 में बताया गया है.
Policing towards Orwellian 1984!https://t.co/OYimvwqiF7
— Jayant Singh (@jayantrld) March 26, 2025
नमाज केवल नजदीकी मस्जिदों में
आपको बता दें, जॉर्ज ऑरवेल के उपन्यास 1984 में लिखा है कि एक निरंकुश सरकार अपने क्षेत्र में होने वाली हर गतिविधि पर नज़र रखती है. साथ ही ऐसा करके अपनी स्वतंत्रता को सीमित करने की कोशिश की जाती है. ईद से पहले मेरठ के सिटी एसपी आयुष विक्रम सिंह ने कहा कि नमाज केवल नजदीकी मस्जिदों और फैज-ए-आम इंटर कॉलेज जैसी जगहों पर ही पढ़ी जानी चाहिए.
कोई भी व्यक्ति ईदगाह के पास या सड़क पर नमाज़ न पढ़े. अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है.
निगरानी रखी जाएगी
पुलिस प्रशासन ने ईद के मौके पर ईदगाह जैसे प्रमुख स्थानों पर किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए यह फैसला लिया है. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसी जगहों पर PAC, RAF और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी. साथ ही ड्रोन और वीडियो कैमरों से उन जगहों पर निगरानी रखी जाएगी. इस निर्देश में यह भी कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति बिना पूर्व अनुमति के सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक प्रार्थना नहीं कर सकता है.
इस फरमान में ये भी कहा गया है कि अगर कोई शख्स सड़क पर नमाज पढता मिल गया तो तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी. ऐसा करने वाले के खिलाफ FIR दर्ज और तत्कालीन गिरफ्तारी हो सकता है. अगर कोई सड़क पर नामज पढ़ने और सार्वजनिक शांति को बाधित करने का प्रयास करता है तो उनका पासपोर्ट भी रद्द कर दिया जाएगा जिससे वो मक्का और मदीना जैसी जगहों पर भी नहीं जा सकते है.