Sambhal violence Latest Update: उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद सर्वेक्षण के दौरान कथित पथराव को "उकसाने" के आरोप में दर्ज एफआईआर में नामजद समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क ने दावा किया कि घटना के दौरान वह शहर से बाहर थे और उनके खिलाफ दर्ज मामले को झूठा बताया.
संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा कि कल मैं राज्य में मौजूद भी नहीं था, संभल तो दूर की बात है. मैं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में शामिल होने के लिए बेंगलुरु गया था, लेकिन मेरे खिलाफ मामला दर्ज कर दिया गया. यह पुलिस प्रशासन की साजिश है.
प्रशासन पर उठाया सवाल
सांसद जिया उर रहमान बर्क ने यह भी कहा कि इस घटना ने उत्तर प्रदेश और पूरे देश की छवि को धूमिल किया है. सपा सांसद ने यह भी सवाल उठाया कि क्या लोग अधिकारियों पर पत्थर फेंक सकते हैं जब उन्हें सर्वेक्षण करने के लिए उनके आने की पूरी जानकारी नहीं थी और पुलिस पर "निर्दोष" लोगों को मारने के लिए हथियारों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
अखिलेश यादव ने अफसरों पर लगाया आरोप
अखिलेश यादव ने अफसरों पर लगाया आरोप सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सांसद के दावे को दोहराया और कहा, "उन्होंने हथियारों का इस्तेमाल किया है, उन्होंने हमारे 5 निर्दोष लोगों को मार डाला है, कई अन्य घायल हो गए हैं और एक झूठा मामला दर्ज किया गया है. मैं चाहता हूं कि इन अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए और उन्हें सलाखों के पीछे डाला जाए."
कन्नौज के सांसद ने कहा, ''हमारे सांसद जिया-उर-रहमान तो संभल में थे ही नहीं, फिर भी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई... यह सरकार द्वारा कराया गया दंगा है.'' यादव ने दावा किया कि जब 24 नवंबर को सर्किल ऑफिसर ने दोबारा सर्वे की जरूरत बताने से इनकार कर दिया तो लोगों ने उन पर पथराव किया और इसके बजाय उन्हें 'गाली-गलौज' दी.