Bareilly latest News: 14 दिसंबर को 46 साल बाद संभल के खग्गू सराय में स्थित शिव-हनुमान मंदिर में भजन और कीर्तन की गूंज सुनाई दी. 1978 के दंगों के बाद यह मंदिर बंद हो गया था. इस दौरान क्षेत्र से हिंदू परिवारों ने पलायन कर दिया था.
कैसे छोड़ा मंदिर और इलाका
82 वर्षीय विष्णु शरण रस्तोगी, जिनका परिवार इस मंदिर की देखभाल करता था, ने दंगों के भयावह दिनों को याद किया. उन्होंने कहा कि1978 में दंगे भड़क उठे. हमें अपनी सुरक्षा के लिए मंदिर छोड़ना पड़ा. मेरे भतीजे ने मंदिर के दरवाजे बंद किए और हम सुरक्षित स्थान पर चले गए.
वर्षों तक मंदिर पर किसी ने कब्जा नहीं किया, लेकिन यह उपेक्षित रहा." रस्तोगी ने आगे बताया कि उनका परिवार अपना पुश्तैनी घर बेचकर दूसरे क्षेत्र में बस गया.
स्थानीय प्रशासन की पहल
मंदिर को पुन: खोलने के बाद यहां नियमित पूजा-अर्चना के लिए पुजारी की नियुक्ति की गई है. पुजारी शशिकांत शुक्ला ने कहा कि मंदिर में अब रोजाना पूजा और आरती होगी ताकि इसकी आध्यात्मिक ऊर्जा को फिर से जीवंत किया जा सके.
पुरातात्विक खोज और सुरक्षा व्यवस्था
मंदिर के पुनरुद्धार के दौरान प्राचीन कुएं की खुदाई में देवी लक्ष्मी, पार्वती और गणेश की मूर्तियां मिलीं. जिला प्रशासन ने मंदिर का नाम बदलकर संभलेश्वर महादेव रखा है. जिलाधिकारी राजेंद्र पेनसिया ने कहा कि मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए व्यापक योजना बनाई जा रही है. इसके चारों ओर का क्षेत्र संरक्षित किया जाएगा.
पुलिस ने मंदिर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है. संभल एएसपी श्रीश चंद्र ने बताया कि खुदाई अभी जारी है. मूर्तियों की प्राचीनता की जांच की जा रही है. 88 वर्षीय मोहम्मद हनीफ ने कहा कि बचपन में इस मंदिर की रौनक देखी थी. यह इस क्षेत्र की विरासत का अहम हिस्सा है.