Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक बेहद संवेदनशील मामले में अपना फैसला सुनाया है. जिसमें कोर्ट ने कहा कि नाबालिग लड़की के स्तन को पकड़ना और उसके पायजामे का नाड़ा तोड़ना बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे यौन उत्पीड़न का अपराध माना जाएगा. इस फैसले ने कानूनी परिभाषाओं और अपराध की गंभीरता को समझने के तरीके पर नई रोशनी डाली है.
कोर्ट का बड़ा फैसला
यह मामला एक नाबालिग लड़की के साथ हुई घटना से जुड़ा था, जिसमें आरोपी ने उसके स्तन पकड़े और उसके पायजामे का नाड़ा तोड़ दिया. इस मामले में पीड़िता के परिवार ने उस व्यक्ति पर बलात्कार के प्रयास का आरोप लगाया था. लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया है. साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि यह बलात्कार नहीं है.
कोर्ट ने क्या कहा
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि स्तन पकड़ना या पायजामे का नाड़ा तोड़ना बलात्कार नहीं माना जाएगा. हालांकि इसे यौन उत्पीड़न की श्रेणी में रखा गया है और इसके लिए सख्त सजा का प्रावधान भी किया गया है. कोर्ट ने यौन उत्पीड़न और बलात्कार के बीच की बारीक रेखा को स्पष्ट किया है. कोर्ट ने कहा है कि हमें बलात्कार की कोशिश और अपराध की तैयारी के बीच के अंतर को सही से समझना चाहिए.
कोर्ट का मानना है कि यौन अपराध को बलात्कार की श्रेणी से अलग रखा जाएगा. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस अपराध की सजा कम होगी. ऐसे कृत्य करने वालों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान किया गया है. अदालत के इस फैसले से समाज में बहस छिड़ गई है.