Punjabi language: पंजाब सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में पंजाबी भाषा को अनिवार्य विषय के रूप में लागू करने का बड़ा फैसला लिया है. यह नियम सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूलों पर लागू होगा, चाहे वे किसी भी शिक्षा बोर्ड से संबद्ध हों.
इस आदेश के तहत कक्षा 1 से 10वीं तक पंजाबी की पढ़ाई अनिवार्य होगी, और इसे लागू न करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द करने की चेतावनी दी गई है. यह कदम तब उठाया गया, जब सीबीएसई के साल में दो बार परीक्षा कराने के प्रस्ताव में पंजाबी को शामिल नहीं किया गया, जिस पर शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कड़ा ऐतराज जताया था.
दसवीं पास करने के लिए पंजाबी जरूरी
नए नियम के अनुसार, पंजाब में पढ़ने वाला कोई भी छात्र दसवीं कक्षा में पंजाबी विषय के बिना पास नहीं माना जाएगा. सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी स्कूलों को इस विषय को अपने पाठ्यक्रम में शामिल करना होगा. यदि कोई बोर्ड या संस्थान इस नियम का पालन नहीं करता, तो उसके खिलाफ पंजाबी भाषा एक्ट 2008 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह कदम पंजाबी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
पाठ्यक्रम में पंजाबी का उपयोग और तैयारी
आदेश में यह भी निर्देश दिया गया है कि सभी कक्षाओं में पंजाबी भाषा का प्रयोग सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए स्कूलों को उचित पाठ्यक्रम तैयार करने को कहा गया है. बोर्ड परीक्षाओं में भी पंजाबी को अनिवार्य रूप से शामिल करना होगा, ताकि छात्र इस भाषा में दक्षता हासिल कर सकें.
नई शिक्षा नीति की तैयारी
पंजाब सरकार जल्द ही अपनी स्वतंत्र स्टेट एजुकेशन पॉलिसी लाने की योजना बना रही है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ कमेटी गठित की जा रही है, जो इस नीति को आकार देगी. सरकार का कहना है कि शिक्षा राज्य का विषय है, इसलिए वह अपनी नीति खुद तैयार करेगी.