पाकिस्तानी क्रिकेटर ने भारतीय खिलाड़ियों को कहा काफिर, मोहिंदर अमरनाथ ने किया बड़ा खुलासा

1978 में टेस्ट सीरीज के लिए पाकिस्तान पहुंचे भारतीय क्रिकेटरों को कराची एयरपोर्ट पर जबरदस्त स्वागत मिला. करीब 40,000 से 50,000 लोगों की भीड़ ने भारतीय खिलाड़ियों का गर्मजोशी से स्वागत किया.

Date Updated
फॉलो करें:

Pakistan Tour 1978: 1978 में टेस्ट सीरीज के लिए पाकिस्तान पहुंचे भारतीय क्रिकेटरों को कराची एयरपोर्ट पर जबरदस्त स्वागत मिला. करीब 40,000 से 50,000 लोगों की भीड़ ने भारतीय खिलाड़ियों का गर्मजोशी से स्वागत किया. लेकिन इसी दौरे के दौरान एक अप्रिय घटना ने खिलाड़ियों को हैरान कर दिया. मोहिंदर अमरनाथ ने अपनी किताब Fearless में लिखा है कि एक विदेशी-शिक्षित पाकिस्तानी क्रिकेटर ने भारतीय खिलाड़ियों को "काफिर" कहकर संबोधित किया.

रावलपिंडी की घटना

रावलपिंडी में एक मैच के बाद जब भारतीय खिलाड़ी बस में सवार हो रहे थे, तब वह टिप्पणी की गई. अमरनाथ लिखते हैं कि यह क्रिकेटर बोला, 'बिठाओ, बिठाओ, इन काफिरों को जल्दी बिठाओ.' यह सुनकर हमें झटका लगा. एक अच्छी शिक्षा का क्या फायदा, अगर वह दूसरों के प्रति नकारात्मक रवैया न बदल सके?

पाकिस्तान में मिला दोहरा अनुभव

कराची एयरपोर्ट पर भारतीय खिलाड़ियों को मिली जबरदस्त मोहब्बत के बावजूद, कुछ पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने भारतीय खिलाड़ियों के प्रति ठंडा और आक्रामक व्यवहार किया. किताब के अनुसार, जावेद मियांदाद, सरफराज नवाज और कुछ हद तक मुदस्सर नजर ने वरिष्ठ खिलाड़ियों के कहने पर भारतीय टीम से दूरी बनाई.

सरफराज और गावस्कर का किस्सा

कराची टेस्ट में सरफराज नवाज और सुनील गावस्कर के बीच एक रोचक घटना हुई. जब सरफराज ने बाउंसर डाली, तो गावस्कर ने इसे नजरअंदाज किया. लेकिन जब उन्होंने फुल टॉस डाली, तो गेंद सीमा रेखा पार चली गई. इससे नाराज होकर सरफराज ने पंजाबी में अपशब्द कहे. गावस्कर ने पूछा की सरफराज मुझे पैंट कोट क्यों कह रहे हैं?

अमरनाथ ने हंसते हुए समझाया कि असल में सरफराज कुछ और कह रहे थे. उस समय पाकिस्तान में शराब पर प्रतिबंध था. टीम के मैनेजर फतेह सिंह राव गायकवाड़ ने खिलाड़ियों को पहले ही अपनी व्यवस्था करने की सलाह दी. इसके बाद खिलाड़ियों को उनके हिस्से की व्हिस्की वितरित की गई.