Sakshi Malik's Autobiography: रिटायर्ड पहलवान साक्षी मलिक ने अपनी आत्मकथा 'विटनेस' में बताया है कि उनकी जिंदगी में मुसीबतें खुद उन्हें ढूंढ लेती थीं. उन्हें 19 साल की उम्र में सबसे दर्दनाक अनुभव तब मिला जब उन्होंने 2012 एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था.
विटनेस में लिखी गई आत्म कथा
रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान मलिक ने अपनी किताब में लिखा है कि जीत के बाद उन्हें कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के होटल के कमरे में ले जाया गया. सिंह ने उनके माता-पिता से बात करने का बहाना बनाया और इसके बाद उन्होंने मलिक के साथ गलत व्यवहार करने की कोशिश की. हालांकि, साक्षी ने विरोध किया और वहां से भाग निकलीं.
मलिक और पांच अन्य महिला पहलवानों ने 2023 में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था और सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. इसके बाद एफआईआर दर्ज की गई और इस साल मई में दिल्ली की एक अदालत ने सिंह पर यौन उत्पीड़न और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय किए.
बचपन में भी हुआ छेड़छाड़
साक्षी ने बताया कि सिंह उन्हें बार-बार फोन करके अपनी तरफ रहने के लिए कह रहे थे. उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना के बारे में उनकी साथी अनीता शेरान और उनकी मां को जानकारी थी, लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा. साक्षी ने यह भी बताया कि बचपन में भी उनके साथ छेड़छाड़ हुई थी.
उनके ट्यूशन टीचर ने उनके साथ गलत हरकतें की थीं, लेकिन वह लंबे समय तक किसी को नहीं बता पाईं क्योंकि उन्हें लगता था कि यह उनकी गलती थी. आखिरकार उन्होंने अपनी मां को बताया, जिन्होंने उनका साथ दिया. मलिक ने कहा कि उनके माता-पिता ने उन्हें इन घटनाओं को भुलाने और अपने प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी.