विराट-रोहित की फॉर्म सुधारने के लिए BCCI ने उठाया ये कदम, सचिन तेंदुलकर निभाएंगे अहम किरदार

IND vs AUS: पूर्व भारतीय क्रिकेटर डब्ल्यूवी रमन ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को सलाह दी है कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को भारतीय टीम में बल्लेबाजी सलाहकार के तौर पर शामिल किया जाए, ताकि विराट कोहली और रोहित शर्मा की फॉर्म में सुधार हो सके. नवंबर की शुरुआत में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर मिली हार के बाद भारतीय बल्लेबाजी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. 

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IND vs AUS: पूर्व भारतीय क्रिकेटर डब्ल्यूवी रमन ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को भारतीय टीम में बल्लेबाजी सलाहकार के तौर पर शामिल करने की सलाह दी है, जिससे विराट कोहली और रोहित शर्मा की फॉर्म में सुधार हो सके.नवंबर की शुरुआत में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर हार के बाद भारतीय बल्लेबाजी को आलोचना का सामना करना पड़ा था. 

खासकर स्पिन के खिलाफ भारतीय बल्लेबाज कमजोर नजर आए, जिसमें न्यूजीलैंड के स्पिनरों ने भारतीय बल्लेबाजी लाइन-अप को चुनौती दी और तीन टेस्ट मैचों में 37 विकेट चटकाए.इस दौरान कोहली और रोहित का प्रदर्शन खासतौर पर कमजोर रहा. कोहली केवल 93 रन बना सके, वहीं रोहित का स्कोर 91 रन तक सीमित रहा. घरेलू मैदान पर यह उनका अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन माना जा रहा है.

ऑस्ट्रेलिया दौरे में तेंदुलकर की भूमिका

रमन ने सोशल मीडिया पर सुझाव दिया कि टीम इंडिया को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2025 से पहले सचिन तेंदुलकर को बल्लेबाजी सलाहकार के तौर पर लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सचिन का अनुभव खासकर कोहली और रोहित के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि दोनों खिलाड़ियों के करियर का यह आखिरी ऑस्ट्रेलिया दौरा हो सकता है. उन्होंने ट्वीट किया, "टीम इंडिया को बल्लेबाजी सलाहकार के तौर पर सचिन तेंदुलकर की सेवाएं लेनी चाहिए. इससे टीम को काफी मदद मिल सकती है."

कोहली पर सचिन का प्रभाव

कोहली ने अपने करियर में एक बार इंग्लैंड के कठिन दौरे में कमजोर प्रदर्शन किया था. उस दौरान भी सचिन तेंदुलकर ने कोहली को तकनीकी सलाह दी थी, जो उनके लिए गेम-चेंजर साबित हुई. कोहली ने याद किया कि कैसे सचिन ने उनकी बल्लेबाजी तकनीक में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जिसने उनके करियर को एक नई दिशा दी. बाद में, कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में चार शतक लगाते हुए 692 रन बनाए, जो किसी विदेशी श्रृंखला में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बना.