Cleaning Of Yamuna River: दिल्ली में यमुना नदी की सफाई का काम आधिकारिक रूप से शुरू हो चुका है. इसके लिए नदी में ट्रैश स्किमर, वीड हार्वेस्टर और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट जैसी मशीनों को तैनात किया गया है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस अभियान की शुरुआत की जानकारी देते हुए इसका वीडियो भी साझा किया है.
यमुना की सफाई के मुद्दे पर राजनीति
दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान यमुना की सफाई एक प्रमुख मुद्दा था. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) का जमकर घेराव किया था. चुनावों में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद अब इस सफाई अभियान की शुरुआत की गई है.
#WATCH | Delhi Lt Governor Office says, "Works on cleaning river Yamuna have already begun with trash skimmers, weed harvesters and a dredge utility craft already starting cleaning operations in the river today. Delhi LG VK Saxena yesterday met the Chief Secretary and ACS (I&FC)… pic.twitter.com/aNY5FiuInr
— ANI (@ANI) February 16, 2025
चार चरणों में होगी सफाई
यमुना की सफाई के लिए चार-स्तरीय रणनीति तैयार की गई है, जिसके तहत अलग-अलग चरणों में काम किया जाएगा. पहले चरण में, नदी की धारा से कचरा और गाद को हटाया जाएगा. इसके साथ ही नजफगढ़ ड्रेन, सप्लीमेंट्री ड्रेन और अन्य प्रमुख नालों की सफाई भी की जाएगी.
दूसरे चरण में, मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की क्षमता और आउटपुट की निगरानी की जाएगी. तीसरे चरण में, नए एसटीपी/डीएसटीपी जैसे उपकरणों के निर्माण की योजना बनाई जाएगी, जिससे लगभग 400 एमजीडी सीवेज उपचार की कमी को पूरा किया जा सके.
निर्बाध समन्वय पर जोर
इस महत्वाकांक्षी सफाई अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए विभिन्न एजेंसियों और विभागों के बीच निर्बाध समन्वय की आवश्यकता होगी. इसमें डीजेबी, आई एंड एफसी, एमसीडी, पर्यावरण विभाग, पीडब्ल्यूडी और डीडीए जैसी संस्थाएं शामिल होंगी. इसके अलावा, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को औद्योगिक इकाइयों द्वारा नालों में अनुपचारित अपशिष्टों के निर्वहन पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं.
आगे की योजना
इस अभियान के तहत लगभग तीन वर्षों में यमुना नदी की सफाई का लक्ष्य रखा गया है. यह सफाई अभियान दिल्लीवासियों और पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, जिससे यमुना नदी की जलधारा को स्वच्छ किया जा सके और प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके.