आंखों पर काली पट्टी क्यों बांधते हैं समुद्री लुटेरे? जानिए सच

Freebooter: समुद्री लुटेरे या डाकु अपनी आंखो पर काली पट्टी क्यों बांधते है? क्या आपने कभी सोचा है इसके पीछे की क्या वजह है? ऐसे में आइए जानते है कि आखिर ऐसा क्यों है?

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Courtesy: Social Media

Freebooter: आप जब भी कोई फिल्म देखते हैं, तो सोचते हो की समुद्री लुटेरे या डाकु अपनी आँखों पर पट्टी क्यों बांधते है. आपको  बता दे, जब तक वो काली पट्टी नहीं बांधते लुटेरों का ड्रेस अधूरा माना जाता है. अगर हम जानकारों की माने तो जिन समुद्री लुटेरों की आंखों पर एक पट्टी लगी होती है उनको स्टाइल वाला पुरुष बताया जाता है. इस रिपोर्ट के पीछे विज्ञान है या कुछ आइए समझते है?

अगर आप अंधकार से प्रकाश की ओर जाते हैं तो ज्यादा समय नहीं लगता लेकिन अगर आप प्रकाश से पूर्ण अंधकार में आते हैं तो इसमें काफी समय लगता है. इसमें आपको 5 से 10 मिनट लगते हैं. लेकिन लुटेरों के लिए ये समय बहुत ज्यादा होता है. लुटेरों को अक्सर जहाज की ऊपरी मंजिलों (वहां अच्छी धूप होती है) और निचली मंजिलों (वहां अंधेरा होता है) पर जाना पड़ता है. 

इस दौरान आंखों के लिए एडजस्ट करना काफी मुश्किल होता है. ज्यादा समय न लगे इसके लिए वो अपनी आंखों पर पट्टी बांध लेते हैं. लुटेरे पहले अपनी एक आंख पर पट्टी बांधते हैं और फिर जैसे ही वो अंधकार से प्रकाश में जाते हैं तो उस पट्टी को मोड़ लेते हैं. उन्हें इससे कोई परेशानी नहीं होती क्योंकि वो सभी उस आंख से सिर्फ अंधकार ही देखते हैं इसलिए उन्हें कोई परेशानी नहीं होती.

मनोवैज्ञानिक लाभ भी होता है प्राप्त 

आंखों पर काली पट्टी बांधना लुटेरों को एक डरावनी छवि देती है. इससे उन्हें मनोवैज्ञानिक लाभ भी मिलता है. दरअसल, आंखों पर पट्टी बांधने से उनकी डरावनी छवि और भी निखर कर आती है, जिसके कारण वे लड़ाई-झगड़े और लूटपाट के दौरान ज़्यादा अनुभवी नज़र आते हैं. इससे विरोधी को लगता है कि इस डाकू ने कई बड़ी डकैतियां की हैं, जिससे विरोधी का मनोबल गिर जाता है और एक तरह से वे मन ही मन हार मान लेते हैं.