BPSC Protest: प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी और तेजस्वी से क्यों मांगा समर्थन? जानिए सब कुछ...

BPSC के अभ्यर्थियों के समर्थन में अनशन कर रहे प्रशांत किशोर ने आरजेडी और कांग्रेस के समर्थन करने का बोला है. उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी यादव और राहुल गांधी हमारा समर्थन करते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे.

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: प्रशांत किशोर

BPSC Protest:  जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बिहार के पूर्व सीएम किशोर यादव से समर्थन मांगा है. प्रशांत किशोर बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर हैं. उन्होंने कहा कि मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि यह आंदोलन गैर राजनीतिक है और यह आंदोलन मेरी पार्टी के बैनर तले नहीं चल रहा है.

उन्होनें तेजस्वी यादव और राहुल गांधी दोनो को याद किया और कहा कि उन्हें समर्थन देना चाहिए. चाहे वह राहुल गांधी हों, 
जिनके पास 100 सांसद हैं या तेजस्वी यादव जिनके पास 70 से अधिक विधायक है.

युवाओं का भविष्य दांव पर लगा हैं
उन्होंने कहा कि ये नेता हमसे कहीं अधिक प्रभावशाली हैं. वे गांधी मैदान में पांच लाख लोगों को जुटा सकते हैं. उन्होंने सहयोग की अपील की और कहा कि ऐसा करना इसी समय सबसे उचित है. छात्रों की समस्याओं पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं का भविष्य दांव पर लगा हुआ है. हम एक निर्दयी शासन का सामना कर रहे हैं, जिसने महज तीन साल में 87 बार लाठीचार्ज का आदेश दिया है.

उन्होंने बताया कि नवगठित वाईएसएस के 51 में से 42 सदस्यों ने कल रात इस संघर्ष को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया. वाईएसएस के सभी सदस्य अलग-अलग राजनीतिक संगठनों से जुड़े हैं. हालांकि, अब वे सभी युवाओं और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए एकजुट होकर लड़ने के लिए साथ आए हैं.

लोकतंत्र की हत्या हुई
उन्होंने कहा कि वाईएसएस पूरी तरह से गैर राजनीतिक मंच है. मैं यहां सिर्फ उनका समर्थन करने आया हूं. यह आमरण अनशन जारी रहेगा. 29 दिसंबर को पटना में राज्य पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी बीपीएससी अभ्यर्थियों पर वाटर कैनन और लाठीचार्ज का इस्तेमाल लोकतंत्र की हत्या थी. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि किसी भाजपा नेता में उस सरकार के खिलाफ बोलने की हिम्मत होगी, जिसका वह हिस्सा है.

अगर उनमें से कोई अंतरात्मा की आवाज पर आगे आता है, तो उसका स्वागत किया जाएगा. राज्य के युवा अक्सर कहते हैं कि राष्ट्रीय चुनावों में वे पीएम नरेंद्र मोदी को वोट देते हैं, किसी और को नहीं. लेकिन, जब से मोदी सत्ता में आए हैं, बिहार के युवाओं को बदले में कुछ नहीं मिला है. किशोर ने विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में हुए आंदोलन का उदाहरण देते हुए कहा कि मोदी सरकार को कई महीनों बाद झुकना पड़ा था. एक दिन नीतीश कुमार सरकार को भी यहां के युवाओं के सामने झुकना पड़ेगा.