कंडोम के उपयोग में गिरावट ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सर्वे में यह तथ्य सामने आया कि 2014 से 2022 तक कंडोम के उपयोग में महत्वपूर्ण गिरावट आई है, जो कि एक गंभीर समस्या को दर्शाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षित यौन प्रथाओं के प्रति जागरूकता और शिक्षा में कमी इस गिरावट का मुख्य कारण है.
कंडोम के इस्तेमाल में गिरावट के कारण
वैश्विक स्तर पर कंडोम के इस्तेमाल में गिरावट को लेकर कई कारण बताए जा रहे हैं. इनमें पोर्नोग्राफी, OnlyFans जैसे प्लेटफार्म और प्राकृतिक परिवार नियोजन विधियों को प्रमुख कारणों के रूप में माना जा रहा है. ग्लोबल यूथ ऑर्गनाइजेशन (YMCA) की सेक्सुअल हेल्थ एजुकेटर सारा प्रैट ने कहा कि कई युवा पुरुष कंडोम का इस्तेमाल नहीं करते, क्योंकि वे अक्सर पोर्नोग्राफिक कंटेंट में कंडोम का उपयोग होते नहीं देखते. इसके अलावा, अपर्याप्त सेक्स शिक्षा भी कंडोम के उपयोग में कमी का एक महत्वपूर्ण कारण बन रही है.
WHO का सर्वे: कंडोम के उपयोग में गिरावट
WHO द्वारा 42 देशों में किए गए एक सर्वे में 2,42,000 किशोरों के बीच कंडोम के उपयोग का आकलन किया गया. सर्वे के परिणामों में यह पाया गया कि 2014 में 70% लड़कों ने अपनी आखिरी यौन संबंध में कंडोम का इस्तेमाल किया था, लेकिन 2022 तक यह आंकड़ा घटकर 61% रह गया, जो कि एक चिंताजनक प्रवृत्ति को दर्शाता है.
महिलाओं में भी गर्भनिरोधक के उपयोग में गिरावट
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि युवा महिलाएं भी कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग कम कर रही हैं. महिलाओं के बीच गर्भनिरोधक का इस्तेमाल 63% से घटकर 57% हो गया और आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग भी कम हुआ है.
कंडोम का उपयोग न करने वाले कौन लोग हैं?
WHO के सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 2014 से 2022 के बीच 26% युवा महिलाओं ने यौन संबंधों के दौरान गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग नहीं किया. इसके अलावा, निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों के 33% किशोरों ने कंडोम का उपयोग नहीं किया, जबकि संपन्न परिवारों में यह आंकड़ा 25% था.
स्वस्थ यौन प्रथाओं के लिए जागरूकता की आवश्यकता
WHO ने युवा पीढ़ी से सुरक्षित यौन प्रथाओं को अपनाने की अपील की है, ताकि यौन संचारित संक्रमण (STIs) से बचाव हो सके. विशेषज्ञों का कहना है कि इस समस्या को हल करने के लिए सही शिक्षा और जागरूकता बेहद जरूरी है. इससे न केवल यौन स्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि सुरक्षित और जिम्मेदार यौन व्यवहार को बढ़ावा मिलेगा.
कंडोम के उपयोग में गिरावट और इसके कारण उत्पन्न हो रही स्वास्थ्य समस्याएं गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं. इसे ठीक करने के लिए सुरक्षित यौन प्रथाओं के प्रति जागरूकता फैलाना और बेहतर सेक्स शिक्षा प्रदान करना बेहद जरूरी है. युवा वर्ग को अपनी यौन स्वास्थ्य को लेकर जिम्मेदार और सतर्क बनाने के लिए शिक्षा और जागरूकता अभियानों को बढ़ावा देना चाहिए.