Delhi CM News : दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर लगातार चर्चा जारी है. बीजेपी के भीतर इस विषय पर कयासों का दौर लगातार चल रहा है, खासकर पीएम मोदी के विदेश दौरे के बाद अब स्थिति और स्पष्ट होती दिख रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार को बीजेपी की बैठक में दिल्ली विधानसभा के 48 विधायकों में से 15 नाम तय किए गए हैं, जिनमें से 9 विधायकों को मुख्यमंत्री और मंत्री पद के लिए चुना जाएगा.
मुख्यमंत्री पद के दावेदार: कौन हैं वो नेता?
दिल्ली के नए सीएम के लिए कई नेता अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. मीडिया सूत्रों के अनुसार, सीएम रेस में रेखा गुप्ता का नाम सबसे आगे है. वह महिला विधायक हैं और उनकी छवि मजबूत मानी जा रही है. इसके अलावा आशीष सूद, जितेंद्र महाजन और राजकुमार भाटिया जैसे बीजेपी के पुराने पंजाबी चेहरे भी इस दौड़ में शामिल हैं.
ब्राह्मण वर्ग से पवन शर्मा और सतीश उपाध्याय के नाम की चर्चा हो रही है. जाट चेहरे के तौर पर प्रवेश वर्मा का नाम भी सुर्खियों में है. वहीं, विधानसभा स्पीकर पद के लिए विजेंद्र गुप्ता और मोहन सिंह बिष्ट के नाम सामने आ रहे हैं. शिखा राय का नाम भी ध्यान आकर्षित कर रहा है, क्योंकि उन्होंने इस बार के चुनाव में ग्रेटर कैलाश सीट से कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज को हराया है.
शपथग्रहण कब होगा?
बीजेपी के विधायक दल की बैठक 17-18 फरवरी को आयोजित होने की संभावना है. वहीं, दिल्ली की नई सरकार का शपथग्रहण 19 या 20 फरवरी को होने की संभावना जताई जा रही है. इस दिन नए मुख्यमंत्री और मंत्री शपथ ले सकते हैं.
बीजेपी की रणनीति: क्या चुनेगा युवा या अनुभवी चेहरा?
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, बीजेपी इस बार अपनी रणनीति को लेकर कुछ नया कर सकती है. पार्टी युवाओं पर भरोसा जताने का निर्णय ले सकती है, या फिर पुराने और अनुभवी चेहरों को मौका दे सकती है. इन तमाम संभावनाओं से पर्दा जल्द ही हटने वाला है.
बीजेपी ने जीती 48 सीटें
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को 22 सीटों तक ही सीमित रहना पड़ा. कांग्रेस एक बार फिर अपना खाता खोलने में नाकाम रही. इस परिणाम ने बीजेपी को दिल्ली की सत्ता में महत्वपूर्ण स्थिति प्रदान की है, और अब पार्टी को अपनी अगली रणनीति पर ध्यान केंद्रित करना है.
दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, यह सवाल इन दिनों राजनीतिक गलियारों में सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है. बीजेपी के भीतर विचार-विमर्श जारी है, और जल्द ही पार्टी इस सवाल का जवाब देने में सक्षम होगी. शपथग्रहण की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आएगी, वैसे-वैसे राजनीति में नई हलचल देखने को मिलेगी.