Resignation of Premchand Agarwal: उत्तराखंड की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस फैसले के बाद उनके समर्थकों ने डोईवाला में बाजार बंद कर अपना विरोध जताया. हालांकि देहरादून में स्थिति अलग थी, जहां अग्रवाल की अपील पर संगठन ने आक्रोश रैली स्थगित कर दी.
इस घटना से राज्य में राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं. प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने समर्थकों के प्रति आभार जताते हुए एक बार फिर उनसे अनुरोध किया है कि वे अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले रखें. उनका कहना है कि वे समर्थन के लिए आभारी हैं, लेकिन बाजार बंद करना उचित कदम नहीं है.
समर्थकों से की भावुक अपील
अपने बयान में प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, "मैं अपने समर्थकों का मेरे साथ खड़े होने के लिए आभार व्यक्त करता हूं, लेकिन बाजार बंद करना सही नहीं है." देहरादून में उनके समर्थकों के बीच यह बयान चर्चा का विषय बन गया. डोईवाला में बाजार बंद का मिलाजुला असर रहा, लेकिन अग्रवाल की अपील के बाद समर्थकों ने संयम दिखाया. उनकी यह अपील न केवल उनके नेतृत्व की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि उनके समर्थकों के साथ उनके गहरे जुड़ाव को भी उजागर करती है.
छोड़ा सरकारी आवास
इस्तीफे के बाद प्रेमचंद अग्रवाल ने सरकारी आवास को भी अलविदा कह दिया. अब वे ऋषिकेश में अपने निजी आवास में रहने के लिए रवाना हो गए हैं. ऋषिकेश से विधायक होने के नाते उनका यह कदम स्वाभाविक माना जा रहा है. इस बदलाव के साथ ही उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. प्रेमचंद अग्रवाल का यह फैसला उनके करियर में नया मोड़ ला सकता है. समर्थकों का समर्थन और उनकी सक्रियता आने वाले दिनों में उत्तराखंड की राजनीति को प्रभावित कर सकती है.