Uniform Civil Code: उत्तराखंड आज से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने वाला स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बन जाएगा. राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि कानून को लागू करने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इसमें अधिनियम के नियमों को मंजूरी देना और संबंधित अधिकारियों का प्रशिक्षण शामिल है.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह कानून समाज में समानता लाने और सभी नागरिकों को समान अधिकार एवं जिम्मेदारियां सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू किया जा रहा है. मुख्यमंत्री धामी ने इसे प्रधानमंत्री द्वारा देश को विकसित, संगठित और आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों का हिस्सा बताया. उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता हमारे राज्य की ओर से उस महान 'यज्ञ' में दी गई आहुति है.
समान नागरिक संहिता का सफर
उत्तराखंड कैबिनेट ने मार्च 2022 में समान नागरिक संहिता के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का प्रस्ताव पारित किया था. यह समिति सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित हुई. समिति ने विभिन्न समुदायों से संवाद के बाद चार खंडों में विस्तृत मसौदा तैयार किया. इसे फरवरी 2024 में राज्य सरकार को सौंपा गया. इसके बाद उत्तराखंड विधानसभा ने इसे पारित किया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मार्च 2024 में अपनी मंजूरी दी.
क्या है उत्तराखंड की UCC
यह कानून विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और लिव-इन रिलेशनशिप जैसे मामलों को समान नियमों से नियंत्रित करेगा. इसमें सभी धर्मों के लिए विवाह योग्य आयु समान होगी और बहुविवाह एवं हलाला पर प्रतिबंध लगाया गया है. दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल ने बताया कि विवाह पंजीकरण को अनिवार्य बनाया गया है और सभी बच्चों को वैध माना जाएगा. साथ ही, सैनिकों के लिए विशेष वसीयत का प्रावधान भी जोड़ा गया है.