Ukraine conflict: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस से सस्ता तेल खरीदने पर हो रही आलोचना का करारा जवाब दिया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि युद्ध का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं मिलता। दोहा फोरम के 'कॉन्फ्लिक्ट रिजॉल्यूशन इन ए न्यू एरा' पैनल में जयशंकर ने साफ कहा कि हां, हम तेल खरीदते हैं। जरूरी नहीं कि यह सस्ता हो। क्या आपके पास इससे बेहतर डील है?
जयशंकर का विचार
जयशंकर ने इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध पर बातचीत के जरिए समाधान की बात पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आज की स्थिति में, बातचीत की वास्तविकता की ओर झुकाव बढ़ रहा है, बजाय इसके कि युद्ध जारी रहे. हम मॉस्को जा रहे हैं, राष्ट्रपति पुतिन से बात कर रहे हैं. कीव जाकर राष्ट्रपति जेलेंस्की से मिल रहे हैं. हम देख रहे हैं कि क्या कोई सामान्य सूत्र मिल सकता है जिसे सही समय पर आगे बढ़ाया जा सके.
उन्होंने आगे कहा कि हम कोई शांति योजना पेश नहीं कर रहे हैं और न ही मध्यस्थता कर रहे हैं. हम अलग-अलग पक्षों से बातचीत कर रहे हैं और पूरी पारदर्शिता के साथ बता रहे हैं कि एक पक्ष से जो बात हुई है, उसे दूसरे पक्ष को बताएंगे. इस समय कूटनीतिक प्रयासों से यही सबसे उपयोगी कदम है.
पिछले महीने हरदीप पुरी का बयान
पिछले महीने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी रूस से तेल खरीदने के भारत के निर्णय को जायज ठहराते हुए कहा था कि भारत ने रूसी तेल खरीदकर पूरी दुनिया का भला किया. अगर भारत ऐसा न करता तो वैश्विक तेल कीमतें $200 प्रति बैरल तक पहुंच जातीं. रूसी तेल पर कोई प्रतिबंध नहीं था, सिर्फ मूल्य सीमा थी, जिसे भारतीय कंपनियों ने भी माना. जयशंकर 6-9 दिसंबर के बीच कतर और बहरीन की आधिकारिक यात्रा पर हैं. बहरीन में वे भारत-बहरीन हाई जॉइंट कमीशन की चौथी बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे.