Rajasthan News: तलवार से काटा अंगूठा फिर..., चित्तौड़गढ़ में 493 साल बाद निभाई गई परंपरा

Rajasthan News: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में करीब 500 साल बाद एक परंपरा का पालन किया गया. इस अवसर पर कई बड़े नेता मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में नाथद्वारा के विधायक विश्वराज सिंह का राजतिलक समारोह किया गया. कई लोगों ने इस कार्यक्रम का विरोध भी किया. आइए जानते है पूरा मामला 

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Rajasthan News: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में 400 साल पुरानी परंपरा को दोहराया गया. उत्तराधिकार परंपरा के मुताबिक, 400 साल बाद मेवाड़ राजघराने के उत्तराधिकारी के तौर पर नाथद्वारा के विधायक विश्वराज सिंह का राजतिलक समारोह किया गया.

इस आयोजन को चित्तौड़गढ़ के दुर्ग स्थित फतेह प्रकाश पैलेस के सहन में आयोजित किया गया. इस कार्यकर्म में कई तरह के वैदिक परंपरा का पालन किया गया. इसमें पूर्णाहुति के साथ गाड़ी की पूजा भी की गई. यह पूजा खत्म होने के बाद विश्वराज सिंह का हाथ पकड़ कर गद्दी पर बैठाया गया. 

अंगूठे को तलवार से काटा गया फिर 

पूजा के बाद अंगूठे को तलवार से काटा गया और खून से तिलक किया गया. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने जय एकलिंग नाथ का नारा लगाया. इस कार्यक्रम में मेवाड़ क्षेत्र के सभी ठिकानेदार और बड़े घराने के लोग मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए बहुत अधिक संख्या लोग मौजूद रहे. कार्यक्रम इतने में ही नहीं खत्म हुआ इसके बाद तोपों की सलामी दी गई. इस कार्यक्रम को लेकर महेंद्र सिंह ने कहा ये ऐतिहासिक कार्यक्रम का साक्षी बन रहा है. 

उन्होंने बताया कि इससे पहले ऐसा कार्यक्रम 493 साल पहले चित्तौड़गढ़ में आयोजित किया गया था. कुछ लोग इसका विरोध भी कर रह है. विरोधी को लेकर कहा गया कि ये एक परंपरा है और इसका विरोध नहीं होना चाहिए. इस कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे.

इस कार्यक्रम के बारे में इसके अध्यक्ष ने कहा कि किसी को भी इस परंपरा का विरोध नहीं करना चाहिए. जो लोग इसका विरोध करते हैं, उन्हें जनता का फैसला स्वीकार करना चाहिए. यह परंपरा कोई नई नहीं है, यह बस एक परंपरा है जिसका पालन किया जा रहा है. इसके अलावा और कुछ नहीं है.