तिरुपति इस्कॉन मंदिर को मिला बम से उड़ाने की धमकी वाला ईमेल, एक सप्ताह में यह चौथा फर्जीवाड़ा

Iskcon Temple Bomb Threat: तिरुपति इस्कॉन मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी का ईमेल मिला, लेकिन जांच में यह फर्जी साबित हुआ. हाल के दिनों में तिरुपति में यह चौथी झूठी धमकी है, जिससे सुरक्षा चिंता बढ़ी है. पुलिस मामले की जांच और धमकी भेजने वालों की पहचान के प्रयास में जुटी है.

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Iskcon Temple Bomb Threat: रविवार शाम को तिरुपति के इस्कॉन मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी भरा एक ईमेल मिला, जिसमें ISIS का नाम लेकर कहा गया था कि मंदिर पर हमला किया जाएगा. मंदिर प्रशासन ने तुरंत पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने मौके पर पहुंचकर पूरे क्षेत्र की गहन तलाशी ली. बम निरोधक दस्ते और खोजी कुत्तों की टीमों ने जगह-जगह जांच की, लेकिन किसी भी तरह का विस्फोटक नहीं मिला जिससे यह धमकी फर्जी निकली.

पुलिस ने होटलों को खाली करा लिया

पिछले एक सप्ताह में तिरुपति में यह चौथी बार फर्जी बम धमकी दी गई है. इस दौरान तिरुपति के कई प्रमुख होटलों को भी इसी तरह के धमकी भरे ईमेल मिले हैं. इन ईमेल में बम से उड़ाने की बात कही गई थी, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों में भय और असुरक्षा की भावना बढ़ गई है. जैसे ही पुलिस को धमकी भरे ईमेल की सूचना मिली, पुलिस ने होटलों को खाली करा लिया और बम निरोधक दस्ते द्वारा तलाशी अभियान चलाया. हालांकि, हर बार ये धमकियां झूठी साबित हुईं और किसी भी जगह कोई खतरा नहीं मिला.

तिरुपति ईस्ट पुलिस स्टेशन के सर्किल इंस्पेक्टर श्रीनिवासुलु ने बताया कि इन घटनाओं के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और पुलिस विभिन्न पहलुओं से मामले की जांच कर रही है. पुलिस अधीक्षक एल. सुब्बारायडू ने कहा कि उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए हर मामले की गहन जांच की, लेकिन सभी धमकियां फर्जी निकलीं.

पुलिस कर रही मामले की जांच 

राज्य पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट को भी सतर्क कर दिया गया है और इस तरह के ईमेल भेजने वालों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है. इन फर्जी धमकियों के कारण सुरक्षा एजेंसियों पर भारी दबाव है और पुलिस अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. पिछली धमकियों में कुछ मेल में तमिलनाडु में गिरफ्तार हुए ड्रग तस्करी नेटवर्क के सरगना जाफर सादिक का भी जिक्र था, जिसे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय ने हिरासत में लिया था. मामले की जांच अब भी चल रही है और पुलिस का मानना है कि जल्द ही इन धमकियों के पीछे के व्यक्तियों का पता लगाया जा सकेगा.