Aurangzeb Controversy: मुगल साम्राज्य की गद्दी पर एक ऐसी शख्सियत विराजमान हुई जिसके हथियारों की गर्जना ने सल्तनत की सीमाओं को अनंत तक फैला दिया, लेकिन धार्मिक संकीर्णता और प्रशासनिक कठोरता की काली छाया ने उसके युग को विवादों के भंवर में डाल दिया. औरंगजेब, जिसे इतिहास 'आलमगीर' के शक्तिशाली नाम से भी संबोधित करता है, शाहजहां और मुमताज महल की तीसरी संतान था.
उसने 1658 से 1707 तक मुगल साम्राज्य की कमान संभाली. उसके शासन काल में मंदिरों का विध्वंस एक ऐसा अध्याय बन गया, जिसने समय के पन्नों पर अमिट रेखाएं खींच दीं. इस मुद्दे पर विद्वानों के विचार दो धाराओं में बंटे हुए हैं- एक इसे धार्मिक कट्टरता की पराकाष्ठा मानता है, जबकि दूसरा इसे सत्ता की चतुर रणनीति का परिणाम मानता है. इस लेख में हम औरंगजेब के आदेश से ध्वस्त किए गए कुछ प्रमुख मंदिरों, उनके पीछे के कारणों और प्राचीन साक्ष्यों के बारे में गहराई से जानेंगे.
ये है उन मंदिरों की लिस्ट
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मंदिरों के विध्वंस की संख्या और विवाद
औरंगजेब ने कितने मंदिरों को नष्ट किया, यह सवाल इतिहासकारों के बीच बहस का विषय रहा है. रिचर्ड ईटन जैसे विद्वानों का मानना है कि उसके सीधे आदेश पर लगभग 15 प्रमुख मंदिरों को ध्वस्त किया गया था, जबकि हिंदू ग्रंथों और लोककथाओं में यह संख्या हजारों में बताई गई है. मसीर-ए-आलमगिरी और समकालीन मुगल दस्तावेज़ इन विध्वंसों को धार्मिक और राजनीतिक संदर्भों में प्रस्तुत करते हैं.