औरंगजेब और हीराबाई की प्रेम कहानी, जब मुग़ल बादशाह की आँखों में भी था इश्क़, जानें मुगल बादशाह की प्रेम कहानी

भारत के सबसे क्रूर और संघर्षशील मुग़ल बादशाहों में से एक औरंगजेब का नाम इतिहास में हमेशा से ही घृणा और अत्याचार के प्रतीक के रूप में लिया जाता है. उसने 49 सालों तक भारत पर शासन किया और अपनी क्रूर नीतियों के कारण प्रसिद्ध था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उसी औरंगजेब का दिल भी किसी से धड़कता था? यह कहानी है औरंगजेब और हीराबाई की, जिनके बीच एक अनोखा प्रेम संबंध था.

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Courtesy: social media

Aurangzeb love story: भारत के सबसे क्रूर और संघर्षशील मुग़ल बादशाहों में से एक औरंगजेब का नाम इतिहास में हमेशा से ही घृणा और अत्याचार के प्रतीक के रूप में लिया जाता है. उसने 49 सालों तक भारत पर शासन किया और अपनी क्रूर नीतियों के कारण प्रसिद्ध था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उसी औरंगजेब का दिल भी किसी से धड़कता था? यह कहानी है औरंगजेब और हीराबाई की, जिनके बीच एक अनोखा प्रेम संबंध था.

हीराबाई से पहली मुलाकात

यह कहानी उस समय की है जब मुग़ल साम्राज्य के सम्राट शाहजहाँ के शासन में औरंगजेब को दक्कन का गवर्नर नियुक्त किया गया था. औरंगजेब को दक्कन के गवर्नर के रूप में यह दूसरा कार्यकाल था और वह अपना पद संभालने के लिए औरंगाबाद जा रहा था. इस दौरान, वह बुरहानपुर में अपनी मौसी सुहेला बानो से मिलने के लिए रुका था. यह वही स्थान था, जहां उसकी मुलाकात एक दासी से हुई, जिसका नाम था हीराबाई, लेकिन उसे जैनाबादी के नाम से पुकारा जाता था.

पहली नजर में मोहब्बत

यह घटना बुरहानपुर के जैनाबाद स्थित बाग आहू खाना की है. वहां औरंगजेब अपनी मौसी के साथ टहल रहा था, जब उसकी नजरें जैनाबादी पर पड़ीं. वह जैसे ही उसे देखा, उसकी मोहब्बत में ऐसा खो गया कि वह बैठ गया और फिर बेहोश हो गया. यह घटना इतनी हैरान करने वाली थी कि औरंगजेब की मौसी दौड़ते हुए आई और उसे गले से लगा लिया. कुछ ही पलों में औरंगजेब को होश आ गया.

हीराबाई को हासिल करने की कोशिश

इसके बाद औरंगजेब ने अपनी मौसी से अपनी प्रेम कहानी का ज़िक्र किया और कहा कि वह हीराबाई को अपनी हरम में लाना चाहता है. हालांकि, मौसी ने उसे चेतावनी दी कि मीर खलील खान-ए-जमान, जो कि उसकी मौसी का पति था, उसे मार सकता है. इसके बावजूद, औरंगजेब ने किसी न किसी तरीके से अपने इस प्रेम को हासिल करने का फैसला किया. औरंगजेब ने मुर्शिद कुली खान के जरिए मीर खलील से बात की और बदले में चित्राबाई को उसके हवाले किया.

हीराबाई का नामकरण और बाद की कहानी

हीराबाई का असली नाम जैनाबादी था, क्योंकि वह जैनाबाद से थी. मुग़ल हरम में महिलाओं का असली नाम अक्सर उनके शहर के नाम पर रखा जाता था, इसीलिए उसे जैनाबादी के नाम से पुकारा जाता था. औरंगजेब ने उसे अपनी महल में रखा और दोनों के बीच एक गहरी प्रेम कहानी शुरू हुई.

दारा शिकोह की शिकायत और औरंगजेब की मोहब्बत

औरंगजेब की इस प्रेम कहानी की खबरें शाहजहाँ तक भी पहुँच गईं. औरंगजेब के बड़े भाई दारा शिकोह ने अपने पिता शाहजहाँ से शिकायत की थी कि औरंगजेब एक दासी के लिए बर्बाद हो रहा है. कहा जाता है कि औरंगजेब नवंबर 1653 में हीराबाई के साथ दौलताबाद भी गया था, लेकिन दुर्भाग्यवश, 1654 में हीराबाई का निधन हो गया.

यह प्रेम कहानी यह दर्शाती है कि औरंगजेब जैसा क्रूर और ताकतवर शासक भी एक समय पर एक स्त्री के प्रति सच्चे प्रेम का अनुभव कर सकता है. हालांकि, इतिहास में उसकी क्रूरता के कारण इस प्रेम कहानी को हमेशा ही एक छुपा हुआ पहलू माना जाता है, लेकिन यह बताता है कि इंसानियत और प्रेम की भावना किसी भी दिल में हो सकती है.