Tesla की इंडिया में एंट्री, दिल्ली और मुंबई में खुलेंगे टेस्ला इलेक्ट्रिक कार के शोरूम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की मुलाकात के बाद से यह लगभग पक्की हो चुकी है कि टेस्ला अब भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने जा रही है. पहले नौकरी के लिए हायरिंग प्रक्रिया शुरू करने के बाद अब कंपनी ने दिल्ली और मुंबई में अपने शोरूम खोलने का निर्णय लिया है.

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Courtesy: social media

Tesla showrooms in India : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की मुलाकात के बाद से यह लगभग पक्की हो चुकी है कि टेस्ला अब भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने जा रही है. पहले नौकरी के लिए हायरिंग प्रक्रिया शुरू करने के बाद अब कंपनी ने दिल्ली और मुंबई में अपने शोरूम खोलने का निर्णय लिया है. यह कदम टेस्ला की भारत में अपनी कारों को लांच करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है. 

भारत में टेस्ला की एंट्री

बीते हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान इस संभावना को बल मिला था कि अब भारत में टेस्ला का आगमन जल्द ही होगा. प्रधानमंत्री मोदी और एलन मस्क की मुलाकात के बाद यह पुष्टि हो गई कि टेस्ला भारतीय बाजार में कदम रखेगी. कंपनी ने पहले ही भारत में हायरिंग प्रक्रिया शुरू कर दी थी और अब शोरूम खोलने के लिए मुंबई और दिल्ली की जगह भी तय कर ली है.

टेस्ला का शोरूम कहा खुलेगा?

टेस्ला के शोरूम खोलने का प्लान अब पूरी तरह से तैयार हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक, टेस्ला दिल्ली में एरोसिटी क्षेत्र में अपना पहला शोरूम खोल सकती है. एरोसिटी, जो इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास स्थित है, में बड़े-बड़े लग्जरी होटल हैं और यह एक प्रमुख व्यावसायिक केंद्र है. वहीं, मुंबई में टेस्ला ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में शोरूम खोलने की योजना बनाई है. यह स्थान भी मुंबई एयरपोर्ट के नजदीक है और शहर के प्रमुख व्यापारिक और खुदरा केंद्रों में से एक माना जाता है. दोनों शहरों में शोरूम कम से कम 5,000 वर्ग फुट के होंगे, जिससे ग्राहकों को बेहतर अनुभव मिलेगा.

पीएम मोदी और एलन मस्क की मुलाकात
पीएम मोदी और एलन मस्क की मुलाकात

टेस्ला की हायरिंग

टेस्ला ने पहले लिंक्डइन पर भारत में 13 पोजीशन के लिए नौकरी के अवसर जारी किए थे. इसमें बैक-एंड सपोर्ट से लेकर स्टोर मैनेजर और फ्रंट ऑफिस जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल थे. यह कंपनी के भारत में आने के संकेत थे, जहां अब तक टेस्ला को अपनी इलेक्ट्रिक कारों के लिए भारतीय बाजार में जगह बनाने का सपना पूरा करना था. 

भारत की नई EV पॉलिसी में बदलाव

एलन मस्क ने भारत की इंपोर्ट पॉलिसी को लेकर कई बार आलोचना की है, खासकर उच्च इंपोर्ट ड्यूटी के संदर्भ में. इसे ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने अपनी EV पॉलिसी में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. अब विदेशी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियां सिर्फ 15 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी देकर हर साल 8000 यूनिट तक इंपोर्ट कर सकती हैं. साथ ही, इन कंपनियों को तीन साल के भीतर अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करनी होगी और कम से कम 50 करोड़ डॉलर का निवेश करना होगा. पहले यह ड्यूटी 70 से 110 प्रतिशत के बीच हुआ करती थी, जो अब काफी कम हो गई है.

टेस्ला की भारत में एंट्री का भविष्य

टेस्ला की भारत में एंट्री भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में एक नई क्रांति की शुरुआत कर सकती है. इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति बढ़ती जागरूकता और सरकार की सकारात्मक पॉलिसी से टेस्ला के लिए भारतीय बाजार में सफलता की राह आसान हो सकती है. अब टेस्ला के शोरूम के खुलने के साथ-साथ भारतीय सड़कों पर इसकी कारों का दौड़ना निश्चित ही एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित होगा.