Terrorist Parvez Ahmed Khan: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुरक्षाबलों को आतंकवाद के खिलाफ एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है. काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) ने दिल्ली पुलिस और सीआईडी सेल दिल्ली के साथ मिलकर एक संयुक्त ऑपरेशन में आतंकवादी परवेज अहमद खान को गिरफ्तार किया है. परवेज, जिसे पीके, शेख तजामुल इस्लाम और खालिद के नाम से भी जाना जाता है, आतंकी फंडिंग और सीमा पार आतंकी संगठनों से जुड़े होने के आरोप में लंबे समय से वांछित था. श्रीनगर की एक अदालत ने इसकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया था.
आतंकी फंडिंग और सीमा पार कनेक्शन का खुलासा
परवेज अहमद खान श्रीनगर के बेमिना इलाके में फारूक कॉलोनी का निवासी है. जांच में पता चला है कि वह जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों को रसद, शरण और आर्थिक मदद मुहैया कराने में शामिल था. विशेषज्ञों के अनुसार, वह नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार से धन प्राप्त करता था और इसे विभिन्न तरीकों से आतंकियों तक पहुंचाता था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "यह गिरफ्तारी आतंकवाद के वित्तीय नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है."
2024 में दर्ज हुआ था मामला
परवेज के खिलाफ पिछले साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर के सीआईके पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. सूत्रों के मुताबिक, वह लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की नजर में था, लेकिन दिल्ली में छिपे होने के कारण उसकी गिरफ्तारी में देरी हो रही थी. संयुक्त ऑपरेशन के तहत गुप्त सूचना के आधार पर उसे धर दबोचा गया. इस सफलता ने एक बार फिर सुरक्षाबलों की सतर्कता और समन्वय को साबित किया है.
जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ लगातार कार्रवाई
हाल ही में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाइयां तेज हुई हैं. इसी सप्ताह कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में पुलिस ने 2011 के एक मामले में दो आतंकियों, ताहिर अहमद पीर और मोहम्मद रमजान गनी की लाखों रुपये की संपत्ति जब्त की. इसमें 3 कनाल और 12 मरला जमीन शामिल है. इसके अलावा, रियासी जिले के माहोर इलाके में सिंबली-शजरू जंगल में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने एक आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ किया था. वहां से 4 यूबीजीएल, 4 मैग्जीन, 268 कारतूस और डेटोनेटर के 4 पैकेट बरामद हुए.
आतंकवाद पर कड़ा प्रहार
यह गिरफ्तारी आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है. एक अधिकारी ने कहा, हमारा लक्ष्य आतंकी नेटवर्क को जड़ से उखाड़ना है, चाहे वह फंडिंग हो या हथियारों की सप्लाई. परवेज की गिरफ्तारी से न केवल उसकी गतिविधियों पर रोक लगेगी, बल्कि आतंकी संगठनों के मनोबल को भी झटका लगेगा.