कभी AAP के लिए खास रहीं स्वाति मालीवाल! जानिए कैसे बन गईं केजरीवाल के लिए काल

दिल्ली की राजनीति में एक नाम जो पिछले कुछ सालों में चर्चा में रहा है, वह है स्वाति मालीवाल.महिला आयोग की अध्यक्ष रहते हुए स्वाति मालीवाल ने एक अलग पहचान बनाई थी, लेकिन हाल के समय में उनका रिश्ता AAP से कुछ ऐसा मोड़ ले चुका है, जिसने पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं.स्वाति मालीवाल, जो कभी अरविंद केजरीवाल की करीबी सहयोगी थीं, अब दिल्ली की राजनीति में उनके लिए एक चुनौती बन चुकी हैं.

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Courtesy: Social Media

दिल्ली की राजनीति में एक नाम जो पिछले कुछ सालों में चर्चा में रहा है, वह है स्वाति मालीवाल.महिला आयोग की अध्यक्ष रहते हुए स्वाति मालीवाल ने एक अलग पहचान बनाई थी, लेकिन हाल के समय में उनका रिश्ता AAP से कुछ ऐसा मोड़ ले चुका है, जिसने पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं.स्वाति मालीवाल, जो कभी अरविंद केजरीवाल की करीबी सहयोगी थीं, अब दिल्ली की राजनीति में उनके लिए एक चुनौती बन चुकी हैं.

स्वाति मालीवाल का उभरना – केजरीवाल के साथ खास रिश्ते

स्वाति मालीवाल ने राजनीति में कदम रखा था, जब अरविंद केजरीवाल और उनकी AAP पार्टी ने दिल्ली में एक नई राजनीतिक धारा शुरू की थी.स्वाति मालीवाल को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष की भूमिका सौंपी गई, और उनके काम को लेकर पार्टी के भीतर और बाहर काफी सराहना हुई.उनकी अध्यक्षता में महिला आयोग ने कई बड़े मामलों में कार्रवाई की, जिससे उन्होंने खुद को राजनीति में एक मजबूत पहचान दिलाई.केजरीवाल के करीबी रिश्तों की वजह से स्वाति मालीवाल का कद लगातार बढ़ रहा था. 

AAP के लिए क्यों बनी स्वाति मालीवाल एक चुनौती?

लेकिन हाल के वर्षों में स्वाति मालीवाल और AAP के रिश्तों में खटास आ गई.स्वाति मालीवाल, जो पहले पार्टी की ताकत थीं, अब उनकी कुछ बयानबाजी और फैसले पार्टी के लिए मुश्किलें पैदा कर रहे हैं.मीडिया में आई खबरों के अनुसार, स्वाति मालीवाल के कई बयानों और कड़े फैसलों ने पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयान दिए, जिससे AAP की छवि को नुकसान पहुँचा.इसके अलावा, स्वाति मालीवाल का महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में किया गया कार्य भी अब पार्टी के लिए एक बोझ बनता दिख रहा है. 

क्यों स्वाति मालीवाल के कदम AAP के लिए खतरनाक?  

स्वाति मालीवाल का रवैया और उनके विवादास्पद बयान अब AAP के लिए एक सिरदर्द बन चुके हैं.पार्टी के अंदर और बाहर उनके फैसलों पर सवाल उठने लगे हैं.उनके कार्यों और बयानों ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच असहमति को जन्म दिया है.इसके अलावा, स्वाति मालीवाल का सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना और उनकी मुखर टिप्पणियाँ AAP के लिए एक और परेशानी का कारण बन गई हैं. 

स्वाति मालीवाल का अरविंद केजरीवाल और AAP पार्टी से जुड़ा लंबा इतिहास अब एक कड़ा मोड़ ले चुका है.कभी पार्टी के लिए एक मजबूत स्तंभ मानी जाने वाली स्वाति अब उनके लिए एक राजनीतिक चुनौती बन चुकी हैं.यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में AAP स्वाति मालीवाल के बढ़ते प्रभाव और उनके विवादों का सामना कैसे करती है.