सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, अविश्वास प्रस्ताव से पहले बिरेन सिंह का इस्तीफा 'सोची-समझी रणनीति' है

कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह के इस्तीफे को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बिरेन सिंह का इस्तीफा अविश्वास प्रस्ताव से पहले उठाया गया कदम है और इसे 'सोची-समझी रणनीति' के तहत लिया गया है. श्रीनेत ने इस इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह केवल एक राजनीतिक खेल है, जो मणिपुर के असल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए किया गया है.

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Courtesy: social media

कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह के इस्तीफे को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बिरेन सिंह का इस्तीफा अविश्वास प्रस्ताव से पहले उठाया गया कदम है और इसे 'सोची-समझी रणनीति' के तहत लिया गया है. श्रीनेत ने इस इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह केवल एक राजनीतिक खेल है, जो मणिपुर के असल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए किया गया है.

सुप्रिया श्रीनेत का बयान

सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस से बातचीत में कहा, "बिरेन सिंह का इस्तीफा एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. यह कदम अविश्वास प्रस्ताव से बचने और अपने कद को बनाए रखने के लिए उठाया गया है." उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह इस्तीफा सिर्फ एक दिखावा है, जबकि राज्य में असल मुद्दे अभी भी जस के तस हैं. 

अविश्वास प्रस्ताव और इस्तीफे का राजनीति पर असर

मणिपुर में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता के बीच बिरेन सिंह का इस्तीफा एक महत्वपूर्ण मोड़ है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे एक अवसर के रूप में देखा है ताकि राज्य की सरकार पर दबाव बनाया जा सके. सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि बिरेन सिंह का इस्तीफा एक राजनीतिक रणनीति हो सकता है, जिसे अविश्वास प्रस्ताव से पहले उठाया गया है ताकि विपक्ष के आरोपों को कम किया जा सके और सत्ता में बने रह सके.

राज्य में जारी राजनीतिक संकट

मणिपुर में मुख्यमंत्री बिरेन सिंह के इस्तीफे के बाद स्थिति और जटिल हो गई है. राज्य में बढ़ती हिंसा और असंतोष को लेकर राजनीतिक दलों के बीच तीखी बहस चल रही है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस इस्तीफे को राज्य में प्रशासन की विफलता को छिपाने के एक प्रयास के रूप में देख रहे हैं. 

सुप्रिया श्रीनेत के बयान ने मणिपुर के राजनीतिक संकट और मुख्यमंत्री बिरेन सिंह के इस्तीफे के पीछे की रणनीति को लेकर विपक्षी दलों के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया है. यह कहना गलत नहीं होगा कि राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति में आने वाले दिनों में और भी उथल-पुथल हो सकती है.