Murshidabad violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुए हिंसा के बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दायर जनहित याचिका को खारिज नहीं किया, बल्कि याचिकाकर्ता को उसमें संशोधन कर दोबारा दाखिल करने का आदेश दिया. यह याचिका अधिवक्ता शशांक शेखर द्वारा दाखिल की गई थी, जिसे न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सुना.
साक्ष्य की जरूरत
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की भाषा और तथ्यों की सत्यता पर सवाल उठाए. कोर्ट ने कहा कि बिना पर्याप्त प्रमाण और संबंधित पक्षों को शामिल किए आरोप नहीं लगाए जा सकते. जजों ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट रिकॉर्ड पर आधारित अदालत है, और भावनात्मक या अपूर्ण तथ्यों पर आधारित याचिकाएं स्वीकार नहीं की जा सकतीं.
मीडिया रिपोर्ट के आधार पर नहीं चलेगा काम
अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा, "बेजुबानों को न्याय मिलना अच्छा है, लेकिन वह न्याय उचित प्रक्रिया से ही होना चाहिए." कोर्ट ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने और आवश्यक संशोधनों के साथ दोबारा दायर करने की अनुमति दे दी. वकील ने तर्क दिया कि उनकी जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि जनहित याचिका गंभीरता की मांग करती है.