Former chief Minister of Jharkhand: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की सजा पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी, जिससे उन्हें आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव में भाग लेने की अनुमति नहीं मिलेगी. मधु कोड़ा को 2017 में कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में दोषी करार दिया गया था, जिसके बाद वह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 18 अक्टूबर के उस आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया जिसमें कोड़ा की सजा पर रोक लगाने से मना किया गया था.
अदालत ने क्या कहा?
पूर्व मुख्यमंत्री ने बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजल अंसारी की सजा पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश का हवाला दिया, परंतु अदालत ने स्पष्ट किया कि कोड़ा इस तरह की राहत पाने के पात्र नहीं हैं, क्योंकि वह मौजूदा विधायक नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि दोषसिद्धि पर रोक असाधारण परिस्थितियों में ही दी जाती है और आमतौर पर नहीं. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अफजल अंसारी के मामले में निर्णय एक विशेष परिस्थिति को देखते हुए दिया गया था, जिसमें उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल हो गई थी और उन्हें आगामी चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई थी.
वरिष्ठ अधिवक्ता अमित कुमार ने दिया तर्क
मधु कोड़ा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमित कुमार ने तर्क दिया कि उनकी अपील अभी लंबित है और सुप्रीम कोर्ट के पिछले निर्णयों के आधार पर उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए. इसके अलावा, उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के मामले का भी हवाला दिया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाई थी.
लेकिन अदालत ने इन तर्कों को खारिज करते हुए कहा कि चूंकि कोड़ा वर्तमान में निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं हैं और इस मामले में कोई नई परिस्थिति उत्पन्न नहीं हुई है, इसलिए उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती. 2006-08 के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान कोड़ा पर कोलकाता स्थित एक कंपनी को कोयला ब्लॉक आवंटित करने के भ्रष्टाचार का आरोप था, जिसके लिए दिल्ली की एक सीबीआई अदालत ने उन्हें तीन साल के कारावास की सजा सुनाई थी.