Attack on Sukhbir Badal: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल पर गोल्डन टेंपल में हुए हमले के मामले में प्रारंभिक पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि हमलावर नरायण सिंह चौराह अकेला और स्व-प्रेरित था. हालांकि, एक बड़ी साजिश की संभावना से पूरी तरह इनकार नहीं किया गया है. वहीं, सुखबीर बादल गुरुवार को सेवा कार्य के लिए लौट आए.
अकाल तख्त के फैसले के बाद लिया निर्णय
पुलिस सूत्रों के अनुसार, चौराह, जो पहले 30 से ज़्यादा आतंकी मामलों में शामिल रहा है, ने बरगारी बेअदबी मामले में सुखबीर बादल पर अकाल तख्त के फ़ैसले के बाद हमला करने का फ़ैसला किया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान चौराह ने बताया कि उसने बादल द्वारा 'पापों' को स्वीकार करने और सुनाई गई सज़ा को बहुत हल्का माना.
सीसीटीवी फुटेज ने खड़े किए सवाल
इस घटना के बाद गुरुवार को शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने सीसीटीवी फुटेज जारी की, जिसमें चौराह को सुरक्षा प्रभारी एसपी हरपाल सिंह के साथ कई बार बातचीत करते देखा गया. पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने प्रेस वार्ता में कहा कि एसपी हरपाल सिंह हमले से तीन मिनट पहले सूचना कार्यालय में जाते हुए देखे गए, जो संदेहास्पद है.
पिस्तौल और सोशल मीडिया की जांच
हमले में इस्तेमाल की गई 9 मिमी की पिस्तौल पर कोई पहचान चिह्न नहीं है. जांचकर्ताओं का मानना है कि चौराह ने यह हथियार पहले से छिपा रखा था. अमृतसर पुलिस की साइबर सेल चौराह के सोशल मीडिया अकाउंट्स की गहन जांच कर रही है. अमृतसर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि हम सभी एंगल से जांच कर रहे हैं. सच जल्द सामने आएगा.