Stock Market Update: सेंसेक्स 200 अंक गिरा, निफ्टी 23,600 के नीचे बंद, जानिए पूरी डिटेल 

भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 गुरुवार को लाल निशान में बंद हुए. दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद सेंसेक्स 198 अंक गिरकर 77,860.19 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 43 अंक फिसलकर 23,559.95 पर बंद हुआ.

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Stock Market Update: भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 गुरुवार को लाल निशान में बंद हुए. दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद सेंसेक्स 198 अंक गिरकर 77,860.19 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 43 अंक फिसलकर 23,559.95 पर बंद हुआ.

कारोबार के दौरान सेंसेक्स 77,600 से भी नीचे और निफ्टी भी 23,500 से नीचे आ गया. गुरुवार को बाजार में गिरावट की मुख्य वजह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक से पहले निवेशकों का सतर्क रहना रहा. शुक्रवार को आरबीआई की नीतिगत दरों पर फैसला होना है, जिसके चलते बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है.

बाजार में अस्थिरता जारी रहेगी?

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि 25 बेसिस पॉइंट की दर कटौती पहले से ही बाजार में समाहित हो चुकी है, लेकिन आरबीआई का आर्थिक विकास और मुद्रास्फीति पर रुख निवेशकों के लिए अहम रहेगा. रिलायंस ब्रोकिंग के एसवीपी, रिसर्च प्रमुख अजीत मिश्रा का कहना कि कॉर्पोरेट आय और वैश्विक संकेतों के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा. ऐसे में स्टॉक सिलेक्शन और ट्रेड मैनेजमेंट पर फोकस करना जरूरी होगा.

निफ्टी का मौजूदा गिरावट का दौर 23,500-23,450 के स्तर पर थम सकता है. यदि निफ्टी 23,800 के ऊपर टिकता है, तो बाजार में तेजी लौट सकती है. गुरुवार को अमेरिकी बाजारों में S&P 500 और Nasdaq बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि Dow Jones में गिरावट देखी गई. एशियाई बाजारों में शुक्रवार को कमजोरी देखने को मिली क्योंकि निवेशक अमेरिकी नौकरियों के आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं.

सोने की कीमतों में स्थिरता

गुरुवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 3,549 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 2,721 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. एफआईआई की कुल शॉर्ट पोजीशन 1.53 लाख करोड़ रुपये से घटकर 1.49 लाख करोड़ रुपये हो गई.

गोल्ड की कीमतें शुक्रवार को अपने उच्चतम स्तर के पास स्थिर रहीं और लगातार छठे हफ्ते तेजी की ओर अग्रसर हैं. व्यापारिक विवादों और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते सोने को सेफ-हेवन एसेट के रूप में मजबूत समर्थन मिल रहा है.