लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के बाहर मरीज और उनके परिजन “नरक” जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं और इस स्थिति के लिए केंद्र तथा दिल्ली सरकार दोनों जिम्मेदार हैं. राहुल गांधी ने पिछले दिनों एम्स के बाहर मौजूद कई मरीजों के परिजन से मुलाकात की थी और उनकी मुश्किलों के बारे जाना था. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने शनिवार को इसका वीडियो अपने सोशल मीडिया खाते से पोस्ट किया. उन्होंने ‘एक्स’ पर यह वीडियो पोस्ट कर दावा किया कि एम्स के बाहर नरक जैसे हालात हैं. राहुल गांधी ने सवाल किया कि बड़े-बड़े दावे करने वाली केंद्र और दिल्ली सरकार ने इस मानवीय संकट पर आंखें क्यों मूंद ली हैं?
उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, “राष्ट्रीय स्वास्थ्यसेवा व्यवस्था पूरी तरह से तबाह हो चुकी है, और एम्स दिल्ली में सस्ते और सटीक इलाज की उम्मीद में मरीज भारी कीमत चुका रहे हैं. कुछ दिनों पहले एम्स, दिल्ली के बाहर पहुंच कर मरीजों और सुविधाओं का हाल जानने पहुंचा - नज़ारा दिल दहला देने वाला था.” उन्होंने कहा, “देश के अलग-अलग कोनों से आए मरीज और उनके परिवार, जो इलाज की आस में यहां पहुंचे हैं, सड़कों और सबवे में ठंड और गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं. सर पर छत, पेट में अन्न और तो और पीने के पानी के लिए भी तरस रहे हैं.” उनके मुताबिक, कैंसर से लेकर हृदय की परेशानी - हर परिवार के पास ऐसी एक दर्दनाक कहानी है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “उत्तर प्रदेश, बिहार, असम जैसे सुदूर राज्यों से इलाज के लिए आने वाले इन लोगों के लिए यहां कोई व्यवस्था नहीं है. बस एक उम्मीद ले कर दिल्ली आए हैं, शायद वो या उनके परिजन स्वस्थ हो जाएं, बस किसी तरह जान बच जाए - एक दफे डॉक्टर से बात हो जाए, कोई सलाह-सांत्वना मिल जाए.” उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों की नाकामी साफ दिखाई देती है. राहुल गांधी ने सवाल किया, “क्या यही हमारे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था है?” राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बीमारों की देखभाल, सुविधा और इलाज ये किसी भी सरकार की सबसे बुनियादी जिम्मेदारी है जिसमें राज्य और केंद्र सरकारें पूरी तरह असफल रही हैं. उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है.”
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