Shashi Tharoor: कांग्रेस पार्टी और उसके वरिष्ठ नेता शशि थरूर के बीच कथित दरार की खबरों के बीच थरूर ने एक रहस्यमयी पोस्ट शेयर की है. शनिवार को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अंग्रेजी कवि थॉमस ग्रे की कविता ओड ऑन ए डिस्टेंट प्रॉस्पेक्ट ऑफ एटन कॉलेज की एक पंक्ति को उद्धृत किया, जिसमें लिखा था कि जहां अज्ञानता आनंद है, वहीं बुद्धिमान होना मूर्खता है.
कांग्रेस के बीच दरार गहरा
यह पोस्ट ऐसे समय में आई है जब थरूर और कांग्रेस के बीच मतभेद की खबरें सुर्खियों में हैं. कहा जा रहा है कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब थरूर ने एक लेख में केरल सरकार की नीतियों की तारीफ की और कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे की भी प्रशंसा की. इन बयानों से पार्टी के भीतर उनकी स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं.
अपने बयानों को स्पष्ट करते हुए थरूर ने समाचार एजेंसी ANI से कहा कि16 साल से मैं राजनीति में हूँ. मेरा रवैया हमेशा यह रहा है कि जब सरकार कोई अच्छा काम करती है, चाहे वह हमारी सरकार हो या किसी अन्य पार्टी की, उसकी तारीफ करनी चाहिए. और जब कुछ गलत होता है, तो उसकी आलोचना करनी चाहिए.
वामपंथी शासन
उन्होंने यह भी कहा कि उनके लेख में केरल में वामपंथी शासन के दौरान उद्यमशीलता के विकास की प्रशंसा की गई थी, न कि सरकार की. अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. लेकिन जब किसी एक क्षेत्र में भी कुछ अच्छा होता है, तो उसे स्वीकार न करना छोटी सोच है. मैंने अपने लेख में ग्लोबल स्टार्टअप इकोसिस्टम रिपोर्ट 2024 और तथ्यों पर आधारित आँकड़ों का उल्लेख किया था.
थरूर की नाराजगी
ऐसी भी खबरें हैं कि थरूर अपनी भूमिका को लेकर अस्पष्टता और पार्टी में कथित तौर पर हाशिए पर होने से नाखुश हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सूत्रों का कहना है कि थरूर राहुल गांधी से यह स्पष्टता चाहते हैं कि हाईकमान उनसे क्या अपेक्षा रखता है, लेकिन राहुल की अनिच्छा से वह असंतुष्ट हैं.
हालांकि, HT.com इन दावों की पुष्टि नहीं कर सका. मंगलवार को थरूर ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी, जिसके बाद उन्होंने कहा कि उनकी बातचीत बहुत अच्छी रही, लेकिन चर्चा के विवरण को साझा नहीं किया. जब उनसे पूछा गया कि क्या वह पार्टी में हाशिए पर होने से नाखुश हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, “मैंने कभी किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की.
थरूर ने अंत में क्या कहा
अपने लेख पर उठे विवाद को संबोधित करते हुए थरूर ने कहा कि अंतिम अनुरोध: एक पंक्ति के सारांश पर टिप्पणी करने से पहले लेख पढ़ लें! इसमें पार्टी की राजनीति का जिक्र नहीं है, बल्कि यह उन बदलावों की बात करता है जो केरल को आर्थिक मंदी से बाहर निकालने के लिए जरूरी हैं ऐसे बदलाव जिनकी माँग मैं पिछले 16 साल से करता आ रहा हूँ.