'45 वर्षों तक इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां क्यों सौंपीं...', शर्मिष्ठा मुखर्जी ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों को दिया करारा जवाब

कांग्रेस सांसद दानिश अली द्वारा पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के "RSS Love" वाले बयान पर प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने इसे कांग्रेस के इतिहास और पार्टी नेताओं की समझ का अपमान बताया है.

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Sharmishtha Mukherjee attacked BJP: कांग्रेस सांसद दानिश अली द्वारा पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के "RSS Love" वाले बयान पर प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने इसे कांग्रेस के इतिहास और पार्टी नेताओं की समझ का अपमान बताया है.

शर्मिष्ठा मुखर्जी की क्या थी प्रतिक्रिया

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि जो लोग चाहे वह दानिश अली हों या कोई अन्य इस प्रकार के बयान दे रहे हैं, वे शायद राहुल गांधी को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन ऐसा करते हुए वे राहुल गांधी के पूर्ववर्तियों जैसे श्रीमती इंदिरा गांधी, श्रीमती सोनिया गांधी और डॉक्टर मनमोहन सिंह की बुद्धिमत्ता और समझ का अपमान कर रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि यदि प्रणब मुखर्जी आरएसएस से जुड़े होते, तो कांग्रेस ने उन्हें 45 वर्षों तक इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां क्यों सौंपीं? क्या श्रीमती इंदिरा गांधी इतनी अनजान थीं कि यह नहीं देख सकीं? क्या श्रीमती सोनिया गांधी को इस बारे में पता नहीं था? ये आरोप पूरी तरह से आधारहीन हैं और जो कांग्रेस नेता इस तरह के बयान दे रहे हैं, वे पार्टी के इतिहास और संसदीय लोकतंत्र की समझ की कमी को उजागर कर रहे हैं. शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में विभिन्न विचारधाराओं का सह-अस्तित्व और उनके बीच संवाद जरूरी है. यह लोकतंत्र का एक मजबूत स्तंभ है. जो लोग इस तरह की बातें कर रहे हैं, वे अपनी अज्ञानता और पूर्वाग्रह को उजागर कर रहे हैं.

दानिश अली ने क्या कहा?

दानिश अली ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि केंद्र सरकार ने प्रणब मुखर्जी को आरएसएस से प्रेम के चलते सम्मानित किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि राजघाट पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए जगह नहीं दी गई, जबकि प्रणब मुखर्जी के लिए दी गई. उन्होंने इसे नीच राजनीति करार दिया. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर कई नेताओं का सम्मान किया है. कांग्रेस अपने ही नेताओं का सम्मान नहीं कर पा रही है.