सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि देश में चुनाव ईवीएम से ही होंगे। बैलेट पेपर से चुनाव कराने की कांग्रेस समेत सभी पार्टियों की याचिका खारिज हो गई है। देश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर मचे घमासान के बीच शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई।
कांग्रेस की मथुरा जिला कमेटी के महासचिव की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि ईवीएम को लेकर विपक्षी दलों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाना चाहिए. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 61ए को निरस्त करने का अनुरोध किया गया था, जो चुनाव आयोग को ईवीएम के माध्यम से चुनाव कराने का अधिकार देता है।
याचिका में कहा गया है कि मतपत्र के खिलाफ बूथ कैप्चरिंग, मतपेटियों को रोकना, अवैध वोट, कागज की बर्बादी आदि के तर्क अनुचित और अतार्किक हैं, जबकि एक ईवीएम मशीन में 2,000 से 3,840 वोट जमा होते हैं.
इसका मतलब यह है कि प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली में प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में केवल 50 ईवीएम मशीनों के डेटा में हेरफेर करके एक लाख से 1.90 लाख वोटों में गड़बड़ी की जा सकती है। याचिका में कहा गया है कि सत्ताधारी दल का ईवीएम को समर्थन ईवीएम की कार्यप्रणाली पर संदेह पैदा करता है क्योंकि ईवीएम या मतपेटियों की परवाह किए बिना चुनाव परिणाम एक जैसे ही रहने चाहिए।