Sanjay Roy sentenced to life imprisonment: आरजी कर बलात्कार-हत्याकांड के आरोपी ने खुद को निर्दोष बताया है. सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मुख्य आरोपी संजय रॉय ने सोमवार को अदालत में खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उसे फंसाया जा रहा है. अदालत द्वारा सजा तय किए जाने से पहले रॉय ने अपने बचाव में कहा कि मैंने ऐसा नहीं किया. मुझे फंसाया गया है. बहुत सी चीजें नष्ट हो गई हैं, लेकिन अगर मैंने ऐसा किया होता तो मेरी रुद्राक्ष माला टूट जाती. आप तय करें कि मुझे फंसाया गया है या नहीं.
फांसी की सजा का विरोध
सजा सुनाए जाने से पहले रॉय के वकील ने मौत की सजा का विरोध किया. उन्होंने दलील दी कि अभियोजन पक्ष को यह साबित करना होगा कि रॉय में सुधार नहीं हो सकता और उसे समाज से पूरी तरह से अलग कर देना चाहिए. वकील ने कहा कि अभियोजन पक्ष को यह साबित करना होगा कि आरोपी में सुधार क्यों नहीं हो सकता और उसे समाज से अलग करना क्यों जरूरी है. वहीं, सीबीआई के वकील ने दोषी को सख्त से सख्त सजा देने की अपील की. उन्होंने कोर्ट से कहा कि समाज में जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए हम सख्त से सख्त सजा की मांग करते हैं.
CBI जांच और अदालत का फैसला
यह मामला उस समय चर्चा में आया जब 9 अगस्त को 31 वर्षीय मेडिकल पोस्टग्रेजुएट की लाश अस्पताल के सेमिनार कक्ष में पाई गई. इसके बाद देशभर में चिकित्सकों की सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन हुए. घटना के बाद उच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट सत्र अदालत में प्रस्तुत की, जिसमें रॉय को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी पाया गया. धारा 103(1) के तहत अधिकतम सजा मौत की सजा या उम्रकैद हो सकती है.