American citizen: एस जयशंकर ने संसद को भरोसा दिलाया कि भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क में है कि प्रत्यर्पित नागरिकों के साथ कोई दुर्व्यवहार न हो. उन्होंने यह भी कहा कि अवैध प्रवास को बढ़ावा देने वाले एजेंटों और संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी सरकार के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं कि प्रत्यर्पित नागरिकों के साथ कोई दुर्व्यवहार न हो. साथ ही सदन को यह समझना चाहिए कि हमारा मुख्य ध्यान अवैध आव्रजन उद्योग के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने पर होना चाहिए.
33 गुजरात से, 30 पंजाब से, 3 महाराष्ट्र और
इस मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने संसद में चर्चा की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला सहित कई नेता विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और हाथों में हथकड़ियां पहनकर अपना विरोध जताया. बुधवार को एक अमेरिकी सैन्य विमान से 100 से अधिक भारतीय नागरिकों को अमृतसर लाया गया. इनमें 33 हरियाणा से, 33 गुजरात से, 30 पंजाब से, 3 महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तथा 2 चंडीगढ़ से थे.
'अनावश्यक था यह कदम'
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि अमेरिका को अवैध रूप से रह रहे लोगों को प्रत्यर्पित करने का अधिकार है, लेकिन जिस तरह से भारतीय नागरिकों को निकाला गया, वह "अनावश्यक" था.
उन्होंने कहा कि वे अपराधी नहीं हैं, उनका इरादा गलत नहीं था. अमेरिका को इन्हें व्यावसायिक या नागरिक विमान से भेजना चाहिए था. प्रत्यर्पण को अधिक मानवीय तरीके से किया जाना चाहिए था. थरूर ने यह भी बताया कि 2024 में बाइडन प्रशासन के तहत 1100 से अधिक भारतीयों को अमेरिका से प्रत्यर्पित किया गया था.