Mathura: हाल ही में उत्तर प्रदेश के मथुरा में RSS की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक का समापन हुआ, और इस बैठक में कुछ ऐसा हुआ जिसने राजनीतिक हलकों में सरगर्मी बढ़ा दी है. बैठक के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू समाज में भेदभाव खत्म करने पर बल दिया, जिसमें जल, मंदिर, और श्मशान के मुद्दों पर एकता लाने के लिए विशेष अभियान चलाने पर चर्चा की गई. लेकिन इसके साथ ही, बैठक के आखिरी दिन RSS के दूसरे वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसबोले ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को लेकर बयान दिया, जिसने राजनीतिक माहौल में एक नई बहस छेड़ दी है.
RSS ने कहा - 'हमारा कांग्रेस से कोई खींचातानी नहीं'
हाल के वर्षों में राहुल गांधी ने कई मौकों पर RSS और बीजेपी पर जमकर हमला किया है. उनकी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने कहा था कि उनका मकसद "नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलना" है. लेकिन दत्तात्रेय होसबोले ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि संघ का कांग्रेस से कोई व्यक्तिगत खींचातानी नहीं है. उन्होंने कहा कि हम और हमारे संघ के लोग समाज के सभी वर्गों से मिलते हैं. मैं सालभर अन्य पार्टियों के लोगों से मुलाकात करता हूं.
राहुल गांधी का रुख RSS के प्रति
जब पिछले साल चर्चा थी कि वरुण गांधी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, तब राहुल गांधी ने अपने बयान में स्पष्ट किया था कि उन्होंने RSS की विचारधारा अपनाई है. उन्होंने कहा था कि चाहे मेरा गला काट दीजिए, मैं RSS के दरवाजे पर नहीं जा सकता. राहुल का यह बयान दिखाता है कि वे RSS के प्रति अपनी विचारधारा को लेकर कितने मुखर हैं.
राहुल गांधी से मिलने की इच्छा रखता है RSS
होसबोले ने राहुल गांधी के "नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान" वाले बयान का संदर्भ देते हुए कहा कि संघ का उद्देश्य समाज में भाईचारा और एकता को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि आप नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान चलाना चाहते हो, लेकिन हमसे मिलना नहीं चाहते. हम तो मिलना चाहते हैं... संघ के लोग सभी से मिलते हैं.
RSS का यह बयान एक तरफ जहां कांग्रेस और भाजपा के संबंधों पर एक नई चर्चा का विषय बन गया है, वहीं दूसरी ओर, यह सवाल भी खड़ा करता है कि क्या आने वाले समय में राहुल गांधी और RSS के बीच बातचीत का कोई नया रास्ता खुल सकता है या नहीं.