Guwahati News: तीन फरवरी (भाषा) निर्वाचन आयुक्तों के चयन में प्रधान न्यायाधीश को शामिल करते हुए एक पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आह्वान को ‘विडंबनापूर्ण’ करार देते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को आरोप लगाया कि देश की इस सबसे पुरानी पार्टी ने सत्ता में रहने के दौरान ऐसी कोई पारदर्शिता नहीं बरती .
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सोमवार को अपने संबोधन में निर्वाचन आयुक्तों का चयन करने वाली समिति से प्रधान न्यायाधीश को हटाने की आलोचना की.
‘एक्स’ पर लिखा पोस्ट
शर्मा ने ‘एक्स’ पर लिखा. ‘‘प्रधान न्यायाधीश को शामिल करते हुए निर्वाचन आयुक्तों के पारदर्शी चयन का राहुल गांधी द्वारा किया गया आह्वान विडंबनापूर्ण है. क्योंकि कांग्रेस शासन के दौरान. नियुक्तियां पूरी तरह से सत्तारूढ़ सरकार द्वारा बिना किसी पारदर्शिता के की जाती थीं।’’
उन्होंने पूछा कि यदि कांग्रेस वास्तव में लोकतांत्रिक सत्यनिष्ठा में विश्वास करती है. तो उसने दशकों तक सत्ता में रहने के दौरान इन सुधारों को लागू क्यों नहीं किया?
मुख्यमंत्री ने कहा. ‘‘यह पाखंड उनके राजनीतिक दिखावे को उजागर करता है – वर्षों के अपारदर्शी शासन के बाद अब आप पारदर्शिता का उपदेश दे रहे हैं। भारत के लोगों को अब ऐसे दोहरे मानदंडों से गुमराह नहीं किया जा सकता। यदि आप चाहते हैं कि आप पर भरोसा किया जाए तो आप जो उपदेश देते हैं. उसपर खुद भी अमल करें।’’
गांधी ने संसद में पूछा था .‘‘ चयन समिति में अब सिर्फ़ प्रधानमंत्री. गृह मंत्री और मैं (विपक्ष के नेता) हैं। दो (सत्ता पक्ष) के मुकाबले एक (विपक्ष)। ऐसे में. बैठक में मेरे शामिल होने का क्या मकसद रह जाता है?’’
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