Rahul Gandhi: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर गंभीर आरोप लगाए. गांधी ने दावा किया कि उन्हें संसद में बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है और सदन को अलोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उनकी बार-बार की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे संसद में लोकतंत्र की भावना कमजोर हो रही है.
पत्रकारों से की बातचीत
राहुल गांधी ने संसद के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या हो रहा है. मैंने अध्यक्ष से बोलने की अनुमति मांगी, लेकिन वह भाग गए और मुझे बोलने नहीं दिया. सदन को इस तरह नहीं चलाया जा सकता. उन्होंने आगे बताया कि वह आगामी महाकुंभ मेला और बढ़ती बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बोलना चाहते थे, लेकिन उन्हें हर बार रोका गया. गांधी ने कहा कि मैं चुपचाप बैठा था, कुछ किया नहीं. फिर भी, जब मैं खड़ा होता हूं, मुझे बोलने से रोक दिया जाता है. यहां लोकतंत्र के लिए कोई जगह नहीं है.
ओम बिरला का जवाब
राहुल गांधी के आरोपों के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सभी सांसदों को सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए निर्धारित नियमों का पालन करना चाहिए. बिरला ने कहा कि सदन में कई बार सांसदों का आचरण उच्च मानकों के अनुरूप नहीं होता. उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस सदन में पिता-बेटी, मां-बेटी, पति-पत्नी जैसे रिश्तेदार सदस्य रहे हैं.
ऐसे में विपक्ष के नेता से नियम 349 के तहत आचरण की अपेक्षा की जाती है. राहुल गांधी के समर्थन में करीब 70 कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात की. इसमें गौरव गोगोई, केसी वेणुगोपाल और मणिकम टैगोर शामिल थे. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने गांधी को बोलने से रोकने का मुद्दा उठाया.