Chief Election Commissioner: कांग्रेस ने ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) नियुक्त करने के केंद्र सरकार के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है. पार्टी ने इस फैसले को जल्दबाजी करार दिया और आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इस प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी से बचना चाहती है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि यह संविधान की भावना के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट ने कई बार स्पष्ट किया है कि चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता बनाए रखने के लिए सीईसी को निष्पक्ष होना चाहिए.
राहुल गांधी ने जताई आपत्ति
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित संशोधित कानून में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को चयन समिति से हटा दिया था. ऐसे में सरकार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई (19 फरवरी) तक इंतजार करना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि आज अचानक बैठक बुलाकर नए CEC की नियुक्ति करने का निर्णय दर्शाता है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट की समीक्षा से पहले ही अपनी मर्जी थोपना चाहती है. राहुल गांधी जो चयन समिति में विपक्ष के नेता के रूप में शामिल थे, ने इस बैठक की समय-सीमा पर आपत्ति जताते हुए आधिकारिक असहमति नोट भी सौंपा.
कौन हैं ज्ञानेश कुमार?
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. वह सहकारिता मंत्रालय के सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे और 2024 में चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए थे. अमित शाह के नेतृत्व वाले गृह मंत्रालय में उन्होंने पांच साल बिताए, जहां उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने में अहम भूमिका निभाई थी.
उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा. कांग्रेस ने इस नियुक्ति को चुनावी प्रक्रिया के लिए खतरा बताया और आरोप लगाया कि भाजपा सरकार चुनाव आयोग को अपने हित में इस्तेमाल कर रही है. सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई महत्वपूर्ण होगी, जिससे यह स्पष्ट होगा कि सरकार का यह कदम संविधान की भावना के अनुरूप है या नहीं.