'बैलेट पर चुनाव कर लीजिए, दूध का दूध ...', लोकसभा में पहले दिन ही गरजीं प्रियंका गांधी

Priyanka Gandhi: केरल के वायनाड से नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को संसद में अपना पहला भाषण दिया। संविधान पर बहस के दौरान प्रियंका ने आरक्षण, जाति जनगणना और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर जोर दिया।

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Priyanka Gandhi: केरल के वायनाड से नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को संसद में अपना पहला भाषण दिया. संविधान पर हुई बहस के दौरान प्रियंका ने आरक्षण, जाति जनगणना और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर जोर दिया.

संविधान भारत का  कवच

संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रियंका ने संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को याद करते हुए उनके योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि संविधान ने लोगों को यह ताकत दी कि वे अपने अधिकारों को पहचान सकें और सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठा सकें. प्रियंका ने सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान देश का सुरक्षात्मक कवच है, लेकिन भाजपा सरकार इसे तोड़ने की कोशिश कर रही है. अगर लोकसभा चुनावों के नतीजे अलग होते, तो भाजपा संविधान बदलने का काम शुरू कर देती.

आरक्षण और जाति जनगणना की मांग

प्रियंका गांधी ने आरक्षण को कमजोर करने की सरकार की कोशिशों पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि निजीकरण और लेटरल एंट्री जैसी योजनाएं आरक्षण को खत्म करने की दिशा में उठाए गए कदम हैं. उन्होंने कहा कि आज देश के लोग जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं ताकि सभी की स्थिति का पता चल सके और नीतियां उसी आधार पर बनाई जा सकें.

प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को समझना चाहिए कि यह भारत का संविधान है, संघ का विधान नहीं. उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू का नाम किताबों और भाषणों से मिटाया जा सकता है, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को कभी मिटाया नहीं जा सकता.

देश की संपत्ति

प्रियंका ने अदानी विवाद पर सरकार को घेरते हुए कहा कि देश के 1.4 अरब लोगों को नजरअंदाज करके एक व्यक्ति को बचाने के लिए बंदरगाह, सड़कें, खदानें सब कुछ बेच दिया गया.

प्रियंका गांधी के प्रमुख जिक्र

हमारा स्वतंत्रता संग्राम सत्य और अहिंसा पर आधारित एक अनूठा संघर्ष था.

जब पूरा विपक्ष जातिगत जनगणना की मांग कर रहा था, तब उन्होंने गाय और मंगलसूत्र की चोरी की बातें की.

संविधान ने एकता का सुरक्षात्मक कवच दिया, लेकिन आज देश में नफरत और भेदभाव के बीज बोए जा रहे हैं.