प्रियंका गांधी ने कोटा में बच्चों की खुदकुशी पर चिंता जताई, सरकार से ठोस कदम उठाने का आग्रह 

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने राजस्थान के कोटा में बढ़ती बच्चों की आत्महत्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने राज्य सरकार से अपील की है कि इस गंभीर समस्या पर तत्काल और ठोस कदम उठाए जाएं. प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि कोटा में लगातार बच्चों द्वारा आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं, जो न केवल उनके परिवारों के लिए अत्यधिक दुखद हैं, बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय हैं.

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Courtesy: social media

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने राजस्थान के कोटा में बढ़ती बच्चों की आत्महत्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने राज्य सरकार से अपील की है कि इस गंभीर समस्या पर तत्काल और ठोस कदम उठाए जाएं. प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि कोटा में लगातार बच्चों द्वारा आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं, जो न केवल उनके परिवारों के लिए अत्यधिक दुखद हैं, बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय हैं.

प्रियंका गांधी का बयान

प्रियंका गांधी ने कहा, "कोटा में बच्चों की आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं. यह हमारे समाज और सरकार के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती हैं. बच्चों पर इतना मानसिक दबाव क्यों डाला जा रहा है कि वे अपनी जान लेने को मजबूर हो रहे हैं? राज्य सरकार को इस पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अधिक संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाना चाहिए." उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों की शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि ऐसे संकट से बचा जा सके.

कोटा में बढ़ती आत्महत्याएं

कोटा, जो कि राजस्थान का एक प्रमुख शिक्षा केंद्र है, यहां लाखों छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं. हाल के दिनों में यहां आत्महत्या के मामलों में बुरी तरह इजाफा हुआ है. कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या करने के कारण मानसिक तनाव, पढ़ाई का अत्यधिक दबाव और अकेलेपन को माना जा रहा है. कई मामलों में तो छात्र-छात्राएं बहुत कम उम्र के होते हैं, जो इस कठिन दौर में निराशा और हताशा का शिकार हो जाते हैं. 

प्रियंका गांधी का सरकार से आग्रह

प्रियंका गांधी ने सरकार से आग्रह किया कि कोटा जैसे शिक्षा केंद्रों में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाए और उन्हें तनावपूर्ण स्थितियों से निपटने के लिए मानसिक समर्थन दिया जाए. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा संस्थाओं में मानसिक स्वास्थ्य के लिए काउंसलिंग सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि बच्चों को अपनी समस्याओं का समाधान खोजने में मदद मिल सके. 

प्रियंका गांधी का यह बयान कोटा में बच्चों की आत्महत्याओं के मामलों पर सरकार और समाज से जागरूकता और एकजुटता की अपील करता है. बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा एक गंभीर मामला है, और यह केवल शैक्षिक संस्थाओं की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है. अगर जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है.

(इस खबर को सलाम हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)