प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के दौरान देशभर के छात्रों से अपील की कि वे परीक्षा को एक चुनौती के रूप में लें, न कि दबाव के रूप में. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने छात्रों को मानसिक दबाव से बचने की सलाह दी और कहा कि परीक्षा जीवन का एक हिस्सा है, लेकिन यह न तो तनाव का कारण बननी चाहिए और न ही असमर्थता का प्रतीक.
परीक्षाओं को दबाव नहीं, चुनौती समझें
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से कहा, "परीक्षा जीवन का एक अहम हिस्सा हैं, लेकिन इसे चुनौती के रूप में लेना चाहिए, न कि दबाव के रूप में. जब हम परीक्षा को चुनौती के रूप में देखते हैं, तो हमारे भीतर उसे पार करने की सकारात्मक भावना जागृत होती है." उन्होंने छात्रों को यह भी समझाया कि सफलता और असफलता दोनों ही जीवन का हिस्सा हैं, और किसी एक परीक्षा के नतीजे से पूरी जिंदगी तय नहीं होती.
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुंदर नर्सरी में छात्रों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 10, 2025
छात्रों से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आप सम्मान मांग नहीं सकते, आपको सम्मान कमाना पड़ेगा। इसके लिए आपको खुद को बदलना होगा। लीडरशीप थोपी नहीं जाती...लीडर बनने के… pic.twitter.com/KEovpUwDeT
दबाव कम करने के उपाय
प्रधानमंत्री ने छात्रों को तनाव कम करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए. उन्होंने कहा, "छात्रों को अपनी तैयारी में संतुलन बनाए रखना चाहिए. अधिक समय तक बिना आराम के पढ़ाई करने से मानसिक थकावट होती है, जो परीक्षा के परिणामों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है." उन्होंने ध्यान, योग और सही समय पर विश्राम लेने की बात भी की, ताकि छात्रों का मानसिक स्वास्थ्य सही रहे और वे अपने काम में बेहतर प्रदर्शन कर सकें.
माता-पिता और शिक्षकों की भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने माता-पिता और शिक्षकों से भी अपील की कि वे बच्चों पर अत्यधिक दबाव न डालें. उन्होंने कहा, "माता-पिता को बच्चों को हर समय अच्छा प्रदर्शन करने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए. उन्हें समझने और समर्थन देने की जरूरत है, ताकि बच्चे मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकें और अपने आत्मविश्वास को बनाए रख सकें." इसके साथ ही, उन्होंने शिक्षकों को भी बच्चों की मानसिक स्थिति पर ध्यान देने की सलाह दी, ताकि वे सही मार्गदर्शन दे सकें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम छात्रों, शिक्षकों और माता-पिता के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आया है. उन्होंने छात्रों को तनाव मुक्त होकर परीक्षा का सामना करने और अपने आत्मविश्वास को बनाए रखने की सलाह दी. यह कार्यक्रम हर छात्र के लिए एक प्रेरणा है कि वह परीक्षा को जीवन का एक हिस्सा मानकर उसे आसानी से पार कर सके.