Pinaka Rocket: भारत ने स्वदेशी पिनाका मल्टी-लॉन्च आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम को फ्रांस को औपचारिक रूप से पेश किया है. यह पेशकश ऐसे समय में आई है जब भारत 26 राफेल-मरीन लड़ाकू विमानों की प्रत्यक्ष खरीद को अंतिम रूप दे रहा है और तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के निर्माण में सहयोग बढ़ाने की योजना बना रहा है.
पिनाका सिस्टम अपनाने का निमंत्रण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से वार्ता के दौरान फ्रांसीसी सेना को पिनाका सिस्टम की गहन समीक्षा करने का निमंत्रण दिया. उन्होंने कहा कि अगर फ्रांस इसे अपनाता है तो यह दोनों देशों के रक्षा संबंधों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी.
भारत पहले ही आर्मेनिया को पिनाका का निर्यात कर चुका है, जबकि कुछ आसियान और अफ्रीकी देश भी इस सिस्टम को खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं. DRDO ने इसके लिए 45 किमी और 75 किमी की विस्तारित रेंज वाली मिसाइलें विकसित की हैं और भविष्य में इसे 120 किमी और 300 किमी तक बढ़ाने की योजना है. भारत-फ्रांस संयुक्त बयान में मिसाइल, हेलिकॉप्टर इंजन और जेट इंजन पर चल रही चर्चाओं का स्वागत किया गया. फ्रांसीसी कंपनी सफ्रान और DRDO के बीच 110 किलोन्यूटन जेट इंजन के सह-विकास की चर्चा हो रही है, जिसे भारत के AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) परियोजना में उपयोग किया जाएगा.
भारत का रु. 63,000 करोड़ का प्रस्तावित सौदा, जिसमें 22 सिंगल-सीट और 4 ट्विन-सीट राफेल-मरीन जेट्स शामिल हैं, अब प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की मंजूरी का इंतजार कर रहा है. हालांकि, यह संयुक्त बयान में शामिल नहीं था.
स्कॉर्पीन पनडुब्बी परियोजना में सहयोग
संयुक्त बयान में रु. 33,500 करोड़ की तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के निर्माण पर चर्चा की गई. ये पनडुब्बियां मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) में फ्रांसीसी नवल ग्रुप के सहयोग से बनाई जाएंगी. इससे पहले MDL में 6 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण रु. 23,000 करोड़ की लागत से किया गया था.
मोदी और मैक्रों ने भारत में स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के निर्माण और स्वदेशीकरण को लेकर चल रहे कार्यों की सराहना की. इसमें DRDO द्वारा विकसित एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) प्रणाली को स्कॉर्पीन पनडुब्बियों में शामिल करने के प्रयासों को भी महत्वपूर्ण बताया गया.
भारत ‘Eurodrone’ प्रोजेक्ट से जुड़ा
राष्ट्रपति मैक्रों ने भारत के मल्टी-नेशन 'Eurodrone' मध्यम-ऊंचाई, दीर्घकालिक रिमोटली-पायलटेड विमान कार्यक्रम में शामिल होने का स्वागत किया. उन्होंने इसे भारत-फ्रांस रक्षा साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम बताया.