बिहार के मोतिहारी जिले के चकिया ब्लॉक के रहने वाले एक युवक ने फिलीपींस की महिला से शादी की है. दरअसल, यह युवक दुबई में पढ़ाई करने के लिए गया था, जहां उसकी मुलाकात एक होटल में फिलीपींस की महिला से हुई. पहली मुलाकात में दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया, और धीरे-धीरे उनकी नजदीकियां बढ़ने लगीं. अब, दोनों ने मोतिहारी में स्थानीय रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की है. इस शादी में शामिल होने के लिए फिलीपींस की महिला का परिवार भी बिहार पहुंचा था.
प्यार में कोई बंधन नहीं होता
प्यार में जात-पात, धर्म और समाज की किसी भी दीवार को कोई फर्क नहीं पड़ता. यदि सच्चा प्यार हो, तो किसी भी देश की सीमाएं उसे रोक नहीं सकतीं. यही उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं पूर्वी चंपारण के चकिया प्रखंड के चिंतामनपुर गांव के अमृत श्रीवास्तव और फिलीपींस की चारलिंन की कहानी. लगभग पांच साल पहले अमृत श्रीवास्तव दुबई पढ़ाई के लिए गए थे. वहां पढ़ाई के बाद वह नौकरी करने लगे. एक कार्यक्रम के दौरान वह एक होटल गए, जहां उनकी मुलाकात चारलिन से हुई. पहली बार में ही दोनों ने एक-दूसरे को पसंद किया, लेकिन तब उन्होंने इसे सीधे तौर पर नहीं बताया. धीरे-धीरे उनकी नजदीकियां बढ़ने लगीं.
परिजनों की सहमति से हुई शादी
कुछ समय बाद, दोनों ने एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का फैसला किया और लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे. पिछले तीन सालों से अमृत और चारलिन एक साथ रह रहे थे. इसके बाद, दोनों ने अपने परिवारों से अपनी स्थिति साझा की और शादी के लिए उनकी सहमति मांगी. दोनों के परिवारों ने उनकी शादी के लिए सहमति दी, और इस तरह उनके सपनों को पंख मिले और उनकी शादी की तैयारी शुरू हो गई.
बिहार की परंपराओं के साथ हुई शादी
हालांकि, इनकी शादी 2024 में ही होनी थी, लेकिन अमृत के परिवार में एक घटना घटने के कारण इसे टालना पड़ा. 4 फरवरी को चारलिन अपने पिता मैगनोलिया और अन्य परिजनों के साथ मोतिहारी आईं. यहां उन्होंने बिहार के रीति-रिवाजों को नजदीक से देखा और पूरी शादी की तैयारियों की देखरेख की.
शादी में परिवार की खुशी और स्वागत
शादी एक भव्य रिसोर्ट में धूमधाम से संपन्न हुई. चारलिन के पिता मैगनोलिया भी इस खुशी में शामिल हुए और नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया. अमृत के गांववाले और रिश्तेदारों ने इस शादी का खूब आनंद लिया. इस अंतर्राष्ट्रीय शादी ने मोतिहारी में बहुत चर्चा बटोरी, क्योंकि यह दो अलग-अलग संस्कृतियों का संगम बनकर सामने आई है.
अमृत श्रीवास्तव और चारलिन की यह शादी न केवल दो देशों के बीच प्यार की एक मिसाल पेश करती है, बल्कि यह यह भी साबित करती है कि सच्चा प्यार न तो सीमा जानता है, न ही संस्कृतियां. यह शादी मोतिहारी में एक नए उदाहरण के रूप में उभरी है, जो समाज के बीच एकता और प्रेम को बढ़ावा देती है.