Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान और POK स्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा सोशल मीडिया का दुरुपयोग तेजी से बढ़ा है. खुफिया एजेंसियों के अनुसार, अक्टूबर और नवंबर में सोशल मीडिया पर पाकिस्तान से जुड़े खातों पर भारत विरोधी पोस्ट और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली सामग्री की संख्या में 22 गुना की वृद्धि देखी गई है. इन पोस्ट्स का उद्देश्य कश्मीर में स्थानीय युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों के लिए उकसाना और भड़काना है.
आतंकवाद का एक नया प्रयास
सूत्रों के मुताबिक, इन पोस्ट्स में 130 से अधिक लोग सीधे इस आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े थे, जबकि 33 ने अलगाववाद का पीछे से साथ दिया था. बाकि के 310 पोस्ट्स के जरिए कश्मीर के सार्वजनिक स्थानों, जैसे स्कूल और बुनियादी ढांचों को उड़ाने की धमकी दी गई. सुरक्षा एजेंसियों इसको लेकर कहा कि ये जम्मू-कश्मीर में युवाओं को गुमराह कर आतंकवादी संगठनों में भर्ती करने का एक नया प्रयास है.
बता दे, पिछले कुछ सालों में स्थानीय आतंकवादी भर्ती में भारी गिरावट देखी गई है. आंकड़ों के अनुसार, 2023 में केवल 22 और 2022 में 113 कश्मीरी युवाओं ने आतंकवादी संगठनों में शामिल होने का प्रयास किया था, जो 2023 के अंत तक घटकर केवल चार रह गया. कश्मीर में अब 30 स्थानीय आतंकवादी सक्रिय हैं, जबकि लगभग 75-80 विदेशी आतंकवादी अभी भी घाटी में मौजूद हैं.
इस घटना को लेकर अधिकारियों का मानना है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों का यह प्रयास आगामी 2025 की गर्मियों में घाटी में गतिविधियां बढ़ाने की तैयारी का हिस्सा हो सकता है. इस साल अक्टूबर तक जम्मू-कश्मीर में ड्रोन देखे जाने की 40 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 31 थीं.